महबूबा के दिल्ली विस्फोट वाले बयान पर जदयू का पलटवार: 'लोग ऐसे नेताओं के लिए लोकतंत्र के दरवाजे बंद कर देते हैं'


पटना, 17 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली कार विस्फोट के बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती द्वारा केंद्र पर तीखा हमला बोलते हुए दावा किया कि ‘कश्मीर की परेशानियां लाल किले पर गूंज रही हैं,’ जिसपर जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने सोमवार को निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लोग ऐसे नेताओं के लिए लोकतंत्र के दरवाजे बंद कर देते हैं।

दरअसल, यह बात ऐसे समय में सामने आई है जब मुफ्ती ने 10 नवंबर को दिल्ली में हुए विस्फोट के बाद सुरक्षा बलों की कार्रवाई के बाद रविवार को केंद्र की आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि नई दिल्ली की नीतियों से न तो जम्मू-कश्मीर में शांति आई है और न ही राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। मुफ्ती ने कहा, “आपने दुनिया को बताया कि कश्मीर में सब कुछ ठीक है, लेकिन कश्मीर की परेशानियां लाल किले के ठीक सामने गूंज रही हैं।”

जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मेरा मानना ​​है कि महबूबा मुफ्ती एक महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्ती हैं। वह न केवल जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री थीं, बल्कि सबसे बढ़कर, वह एक भारतीय नागरिक हैं। भारत की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है, और महबूबा मुफ्ती भी इसे नजरअंदाज नहीं कर सकतीं। जिस तरह की राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां हो रही हैं और जिस तरह से इन मामलों की आलोचना हो रही है, उससे पता चलता है कि कई मायनों में लोग ऐसे राजनेताओं के लिए लोकतंत्र के दरवाजे बंद कर देते हैं।”

रंजन ने एनडीए की निर्णायक जीत के बाद बिहार में नए मंत्रिमंडल के गठन की चल रही तैयारियों पर कहा, “बिहार में नई सरकार के गठन के लिए ज़रूरी प्रक्रियाएं चल रही हैं।”

उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार के अंदरूनी कलह पर भी प्रतिक्रिया दी। रोहिणी आचार्या वाले प्रकरण में रंजन ने कहा, “परिवार-आधारित राजनीतिक दलों में ऐसी चुनौतियां अक्सर देखने को मिलती हैं। लेकिन मैं बस इतना कह सकता हूं कि तेजस्वी यादव न तो अपने परिवार को एकजुट कर पाए और न ही गठबंधन का प्रभावी ढंग से नेतृत्व कर पाए। शायद यही दो बड़ी वजहें थीं कि वह यह समझने में नाकाम रहे कि नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गठबंधन को मिले जबरदस्त जनसमर्थन की बराबरी एक विभाजित परिवार नहीं कर सकता।”

उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह की टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के इस दावे को दोहराया कि हालिया चुनावी विवाद चोरी नहीं, बल्कि डकैती है।

रंजन ने कहा, “जरा देखिए क्या सामने आ रहा है। लालू परिवार के भीतर भी ऐसे बयान दिए जा रहे हैं। और कांग्रेस में अंदरूनी कलह के चलते अखिलेश सिंह और कई कांग्रेस नेताओं ने अपनी ही पार्टी पर टिकट बेचने और सही उम्मीदवार न उतारने का आरोप लगाया है। लेकिन कुल मिलाकर, यह एक बड़ा जनादेश है। कमियां ढूंढ़ना और उन्हें दूर करना उनकी जिम्मेदारी है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम जनता से किए गए वादों को जमीनी स्तर पर लागू करें और हम उन्हें ईमानदारी से पूरा करेंगे।”

–आईएएनएस

एससीएच


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