जयदेव उनादकट : घरेलू क्रिकेट का 'हीरो', जिसने सौराष्ट्र को 2 बार जिताया रणजी खिताब


नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट गेंद को स्विंग कराने की क्षमता के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने अपनी यॉर्कर और बाउंसर से विपक्षी खिलाड़ियों को जमकर परेशान किया है। घरेलू क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन के साथ जयदेव ने आईपीएल में भी अपना जलवा बिखेरने के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी गति और सटीकता से नाम कमाया है।

सौराष्ट्र ने रणजी ट्रॉफी इतिहास में 2 बार खिताब जीते हैं। दोनों ही बार यह खिताब जयदेव उनादकट की कप्तानी में जीते गए।

18 अक्टूबर 1991 को पोरबंदर में जन्मे सौराष्ट्र के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज के लिए साल 2010 बेहद खास था। अंडर-19 विश्व कप 2010 में जयदेव उनादकट ने अपनी शानदार गेंदबाजी से विपक्षी टीम को परेशान किया। उन्होंने चार मुकाबलों में 15.42 की औसत के साथ 7 विकेट हासिल किए।

इसके बाद उन्हें साल 2010 में फर्स्ट क्लास और लिस्ट-ए मुकाबलों में डेब्यू करने का मौका मिला। जयदेव उनादकट ने ब्रिटेन दौरे पर वेस्टइंडीज-ए के खिलाफ एक मैच में 13 विकेट लेकर अपने प्रथम श्रेणी करियर की शुरुआत की। इसी साल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) खेलने का भी मौका मिला।

जयदेव ने सभी को प्रभावित करते हुए इसी साल भारत की टेस्ट टीम में जगह बना ली, लेकिन सेंचुरियन में अपने डेब्यू टेस्ट में कोई विकेट नहीं ले पाए, जिसके बाद उन्हें टेस्ट टीम में अगला मौका पाने के लिए करीब 12 साल और इंतजार करना पड़ गया।

2012-13 में भारत-ए के न्यूजीलैंड दौरे पर उनादकट ने 15.77 की औसत से 9 विकेट हासिल किए, जिनमें 2 बार 4 विकेट शामिल थे।

लगातार शानदार प्रदर्शन के चलते जयदेव को जुलाई 2013 में भारत के जिम्बाब्वे दौरे के लिए चुना गया, जहां उन्होंने पांच मुकाबलों में 17.38 की औसत के साथ 8 विकेट हासिल किए।

साल 2014 में स्ट्रेस फ्रैक्चर ने करीब एक साल जयदेव को मैदान से दूर रखा, लेकिन 2015-16 के रणजी ट्रॉफी सीजन में वापसी करते हुए 40 विकेट लेकर उन्होंने सभी को चौंकाया। असम के विरुद्ध सेमीफाइनल में उन्होंने 11 विकेट लेकर सौराष्ट्र को जीत दिलाई थी।

इसके कुछ दिन बाद ही उन्हें आईपीएल नीलामी में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) ने फिर से खरीद लिया था।

तीन साल बाद 2019-20 सीजन में सौराष्ट्र को अपना पहला रणजी खिताब जिताने में कप्तान जयदेव ने अहम भूमिका निभाई, जिन्होंने 10 मुकाबलों में 67 विकेट लिए। साल 2022-23 में वह फिर से टीम के मुख्य आकर्षण रहे। उन्होंने बतौर कप्तान फाइनल में बंगाल के खिलाफ 9 विकेट अपने नाम किए। सौराष्ट्र ने यह मैच 9 विकेट से जीता। यह उनकी कप्तानी में टीम का दूसरा रणजी खिताब था।

साल 2010 में आईपीएल करियर की शुरुआत करने वाले जयदेव उनादकट 8 फ्रेंचाइजी का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने साल 2017 में राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स की ओर से खेलते हुए 12 मैचों में 24 विकेट लेकर टीम को फाइनल तक पहुंचाया, लेकिन फाइनल में टीम मुंबई इंडियंस के हाथों 1 रन के करीबी अंतर से हार गई। साल 2018 में उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने 11.5 करोड़ रुपये में खरीदा था।

जयदेव उनादकट के आईपीएल करियर को देखें, तो उन्होंने 112 मुकाबलों में 30.58 की औसत के साथ 110 विकेट हासिल किए। इस दौरान उन्होंने दो बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट निकाले।

जयदेव उनादकट ने 130 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में 22.92 की औसत के साथ 463 विकेट हासिल किए। उन्होंने लिस्ट-ए करियर में भी इतने ही मैच खेले, जिसमें 185 विकेट निकाले।

घरेलू क्रिकेट में जलवा बिखेरने वाले जयदेव को भारतीय सीनियर टीम में ज्यादा मौके नहीं मिले। उन्होंने 4 टेस्ट में 3 विकेट हासिल किए, जबकि 8 वनडे मुकाबले में इस तेज गेंदबाज ने 9 विकेट निकाले। जयदेव ने भारत की ओर से 10 टी20 मैच भी खेले, जिसमें 14 विकेट लिए।

–आईएएनएस

आरएसजी/एएस


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