जयदीप दहिया : हरियाणा स्टीलर्स को पीकेएल खिताब जिताने वाले कप्तान, जिन्होंने नाकामी से सीखा


नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)। हरियाणा के मशहूर कबड्डी खिलाड़ी जयदीप दहिया ने अपने मजबूत डिफेंस और बेहतरीन टैकल स्किल से शोहरत बटोरी है। उन्होंने प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) में शानदार प्रदर्शन करते हुए बतौर कप्तान हरियाणा स्टीलर्स को पहला खिताब जिताया।

हरियाणा स्थित सोनीपत जिले के सिसाना गांव में 12 दिसंबर 2002 को जयदीप का जन्म हुआ।

जयदीप ने आईएएनएस को बताया कि जब वह गर्भ में थे, तो मां काफी बीमार पड़ गईं। डॉक्टर ने मां को गर्भपात कराने की सलाह दी। डॉक्टर ने बताया कि बच्चे को लकवा हो सकता है, लेकिन मां और दादी गर्भपात के खिलाफ थीं। आखिरकार वही हुआ, जो भाग्य में लिखा था। इस परिवार में एक बेटे का जन्म हुआ, जिसे ‘जयदीप’ नाम दिया गया।

जयदीप जिस गांव से हैं, वहां करीब 40 साल से कुश्ती बेहद शौक के साथ खेली जाती है। यहां कुश्ती की वजह से कई खिलाड़ी नाम कमा चुके हैं। कुछ को सरकारी नौकरी भी मिल चुकी है।

शुरुआत में जयदीप कबड्डी को सिर्फ मनोरंजन के तौर पर खेला करते थे। वह कभी क्रिकेट खेलते, तो कभी कबड्डी या फिर किसी अन्य खेल में हाथ आजमाते।

इस बीच दीपक दहिया और मनीष जैसे खिलाड़ी प्रो कबड्डी लीग में नाम कमा रहे थे, जिन्हें देखते हुए जयदीप को कबड्डी खेलने की प्रेरणा मिली।

कुश्ती के माहौल में पले-बढ़े जयदीप को इस खेल के लिए परिवार से काफी सपोर्ट मिला। खासकर, बड़े भाई ने उनका भरपूर साथ दिया।

जयदीप के बड़े भाई ने उनसे कबड्डी पर फोकस करने को कहा। वह जानते थे कि जयदीप कबड्डी में करियर बन सकते हैं। ऐसे में जयदीप ने 2010 में कबड्डी खिलाड़ी बनने का निश्चय कर लिया। कुछ ही महीनों बाद उन्होंने सब-जूनियर नेशनल भी खेला। जब साल 2014 में प्रो कबड्डी लीग की शुरुआत हुई, तब जयदीप ने ठान लिया कि उन्हें भी इसमें खेलना है।

जयदीप ने जब पहली बार सब-जूनियर नेशनल खेला, तो वहां न कोई टैकल, और न ही कोई रेड प्वाइंट हासिल कर सके, जिसका काफी मलाल रहा।

जयदीप ने सोचा कि जब नेशनल खेलने के बावजूद वह मैच में कुछ कर ही नहीं सके, तो यहां तक पहुंचने का क्या ही फायदा है। इससे बेहतर तो गांव में ही अच्छा था। इसके बाद जयदीप ने जमकर मेहनत की। उन्होंने ठान लिया कि अगले नेशनल मुकाबले में अपना शत प्रतिशत देना है।

जयदीप तीन बार एशियन गेम्स खेल चुके राकेश कुमार को अपना आदर्श मानते हैं, जिनसे ट्रेनिंग लेने के बाद उन्होंने जूनियर नेशनल में बेहतरीन प्रदर्शन किया।

प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के आगामी सीजन के लिए मौजूदा चैंपियन हरियाणा स्टीलर्स की कमान जयदीप दहिया के हाथों में है, उन्हें उम्मीद है कि टीम इस बार फिर ट्रॉफी जीतेगी।

भले ही जयदीप फिटनेस पर खासा ध्यान देते हैं, लेकिन खान-पान को लेकर ज्यादा परहेज नहीं करते। वह घी के शौकीन हैं। घर का बना जो भी खाना मिले, उसे खाने से कतराते नहीं।

जयदीप मानते हैं कि सकारात्मक मानसिकता बेहद जरूरी है। अपने लक्ष्य को पहचानना जरूरी है। लक्ष्य जितना बड़ा हो, प्रैक्टिस भी उतनी ही जमकर होनी चाहिए। अगर सपना भारत के लिए खेलने का है, लेकिन प्रैक्टिस महज जिला स्तर की है, तो वहां तक नहीं पहुंचा जा सकता। इसके लिए दिन-रात अभ्यास करना होगा, जिसके लिए अनुशासन अहम है।

जयदीप का कहना है कि वह जब तक खेलते रहेंगे, पूरी ईमानदारी और निष्ठा से खेलेंगे। नए खिलाड़ियों को सिखाने की पूरी कोशिश करते रहेंगे।

–आईएएनएस

आरएसजी


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