दीपावली का यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल होना गर्व की बात : सीएम योगी

लखनऊ, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में सम्मिलित किए जाने को गर्व का पल बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय उस उत्सव की वैश्विक पहचान है, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय और नए आरंभ के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह उपलब्धि भारत की सांस्कृतिक शक्ति व परंपरा की महत्ता को विश्व पटल पर अधिक मजबूती प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के माध्यम से विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के दृष्टिकोण से इस उपलब्धि के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि यह सम्मान उत्तर प्रदेश के लिए इसलिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि अयोध्या प्रभु श्रीराम की पावन भूमि है। यहीं पर दीपावली की पहली ऐतिहासिक उत्सव परंपरा की शुरुआत हुई थी।
उन्होंने कहा कि अयोध्या केवल सांस्कृतिक आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि भारतीय परंपराओं की आत्मा है। ऐसे में इस पर्व की वैश्विक मान्यता अयोध्या के आध्यात्मिक महत्व को और भी प्रखर बनाती है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय सम्मान भारत की बढ़ती सांस्कृतिक प्रतिष्ठा का प्रतिबिंब है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने विश्व स्तर पर अपनी सांस्कृतिक उपस्थिति को व्यापक रूप से स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि भारत की परंपराओं और उत्सवों को विश्व समुदाय द्वारा अपनाया जाना सकारात्मक संकेत है।
सीएम योगी ने आशा व्यक्त की कि अयोध्या का शाश्वत प्रकाश मानवता को सत्य और सद्भाव के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा। उनके अनुसार यह पर्व केवल उत्सव नहीं बल्कि जीवन दर्शन है, जो समाज को एकता और संस्कारों की दिशा में अग्रसर करता है।
अयोध्या का दीपोत्सव विश्वविख्यात होता जा रहा है। इस बार के नौवें संस्करण में कई कीर्तिमान गढ़े गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दीपोत्सव के अवसर पर रामलला के दरबार में दीप प्रज्ज्वलित किया और फिर सरयू की महाआरती में शामिल हुए। राम दरबार में दीप प्रज्ज्वलन होने के बाद ही राम की अयोध्या रोशनी से नहा उठी। यह आयोजन गिनीज बुक में दर्ज किया गया।
–आईएएनएस
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