इस्राइल के रडार में 21 एंटीने हैं। यह रडार 80 किमी की रेंज में दुश्मन के विमान आदि न केवल डिटेक्ट कर लेता है, बल्कि उसे नेस्तनाबूद करने के लिए तत्काल संदेश भेज जाता है।
इसी तरह रूस निर्मित टैंक तुंगस्क मल्टीटास्किंग है। इसमें रडार, गन, मिसाइल सिस्टम तीनों लगे हैं। रडार 13 किमी रेंज में दुश्मन की गतिविधि का पता लगाता है। वहीं, गन चार किमी की रेंज में हमला करने में सक्षम है, जबकि मिसाइल सिस्टम आठ किमी रेंज तक मार करती है।
यह टैंक न्यूक्लियर वार से भी निपटने में सक्षम है। भारतीय सेना की शान बन चुके इन अत्याधुनिक हथियारों को तीन दिवीसय नो योर आर्मी मेले में देखकर लोग दंग रह गए। अमेरिका के ऑल टेरेन व्हीकल ने भी सबको आकर्षित किया।
प्रदर्शनी में आए स्कूली बच्चों, एनसीसी कैडेट व आम लोगों ने सेना के विशेषज्ञों से इनकी जानकारी लेने के साथ हथियारों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं। प्रदर्शनी में सेल्फी प्वॉइंट्स भी बनाए गए थे।
कारगिल युद्ध की शान बोफोर्स भी है यहां
कारगिल युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाली बोफोर्स तोप भी प्रदर्शनी में लगाई गई है। मध्य कमान के पीआरओ शांतनु प्रताप सिंह ने बताया कि टी-90 टैंक, टी-70 टैंक, आर्टिलरी गन वज्र, वेपन लोकेटिंग रडार स्वाति, आकाश मिसाइलें, एयर डिफेंस सिस्टम भी यहां हैं। प्रदर्शनी में क्विज के अलावा युवाओं को सेना से जुड़ने की जानकारियां दी जा रही हैं। मध्य कमान के इतिहास का भी एक स्टॉल है।
ड्रोन को भी जैम कर देती है यह मशीन
प्रदर्शनी में लगाए गए नेत्र ड्रोन की क्षमता 500 मीटर तक है। यह दुश्मनों की हरकतों की निगरानी में योगदान देता है। मोबाइल डिकंटेमिनेशन सिस्टम जैविक युद्ध की स्थिति में एक साथ 14 लोगों को संक्रमण से बचाता है। ऐसे जैमर भी प्रदर्शनी में हैं, जो ड्रोन को भी जैम कर देते हैं। मुश्किल जगहों पर सेना के जवानों की चार्जिंग आदि परेशानी दूर करने के लिए बनाए मैन पोर्टेबल फ्यूल सेल भी प्रदर्शनी में दिखे।
रॉक क्लाइंबिंग, रैपलिंग ने बढ़ाया रोमांच
प्रदर्शनी के दौरान लोगों ने रॉक क्लाइंबिंग, रैपलिंग का भी अनुभव किया। सैन्य डॉग शो में श्वानों ने करतब दिखाए। एम्फीथिएटर में फिल्म प्रदर्शित की गई तथा भंगड़ा व सेना के पाइप बैंड ने दर्शकों को शाम तक मेले में बांधे रखा। प्रदर्शनी में सेना की ओर से हॉट एयर बैलून भी लगाया गया था।
कलरीपयट्टू से हुए मंत्रमुग्ध
मेले के पहले दिन 25 मद्रास रेजिमेंट के जांबाजों ने संगीत की धुनों पर युद्धकला कलरीपयट्टू का प्रदर्शन किया। खुकरी नृत्य व मार्शल आर्ट की प्रस्तुतियां भी दी गईं।