इजरायली वैज्ञानिकों ने खोजे ऐसे खास इम्यून सेल, जो उम्र बढ़ने की रफ्तार को धीमा कर देते हैं


तेल अवीव, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। इजरायल के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी अहम खोज की है, जिसने उम्र बढ़ने को समझने और उसे धीमा करने की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। बेन-गुरियन विश्वविद्यालय की टीम ने खून में मौजूद एक खास तरह की प्रतिरक्षा कोशिकाओं (इम्यून सेल) की पहचान की है, जो शरीर में इकट्ठा होने वाली पुरानी और खराब हो चुकी कोशिकाओं को हटाने में मदद करती हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर ये कोशिकाएं ठीक तरीके से काम करती रहें, तो इंसान अधिक समय तक स्वस्थ रह सकता है।

इन कोशिकाओं को टी-हेल्पर कोशिकाएं कहा जाता है। उम्र बढ़ने के साथ ये कोशिकाएं बदलकर ऐसे रूप में आ जाती हैं जो “सीनसेंट सेल,” यानी बूढ़ी और निष्क्रिय हो चुकी कोशिकाओं को पहचानकर खत्म करती हैं। ये सीनसेंट सेल शरीर में सूजन बढ़ाती हैं, अंगों को नुकसान पहुंचाती हैं, और कई उम्र-संबंधी बीमारियों की वजह बनती हैं। इसलिए इन्हें हटाना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।

शोध टीम ने जब चूहों पर प्रयोग किया, तो उन्होंने पाया कि अगर इन खास टी हेल्पर कोशिकाओं की संख्या कम कर दी जाए, तो चूहों में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है और उनकी जिंदगी भी घट जाती है। इससे साफ हुआ कि ये कोशिकाएं शरीर को बूढ़ा होने से बचाने में अहम भूमिका निभाती हैं।

सबसे दिलचस्प बात यह रही कि जब वैज्ञानिकों ने 100 साल से अधिक उम्र वाले लोगों का खून जांचा, तो उनमें ये खास कोशिकाएं आम लोगों की तुलना में काफी ज्यादा पाई गईं। इसने यह विचार मजबूत किया कि लंबे और स्वस्थ जीवन का राज इन इम्यून कोशिकाओं से जुड़ा हो सकता है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह खोज भविष्य में ऐसी जांच या इलाज विकसित करने में मदद कर सकती है जिससे पता लगाया जा सके कि शरीर की “वास्तविक उम्र” क्या है और किस तरह इसे धीरे-धीरे बढ़ने से रोका जा सकता है। फिलहाल शोध शुरुआती दौर में है, लेकिन उम्मीदें बड़ी हैं क्योंकि लक्ष्य केवल लंबी उम्र नहीं, बल्कि ज्यादा समय तक स्वस्थ और सक्रिय रहना है।

–आईएएनएस

केआर/


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