ईरान की जवाबी कार्रवाई, जर्मन और ऑस्ट्रियाई दूतों को किया तलब

ईरान की जवाबी कार्रवाई, जर्मन और ऑस्ट्रियाई दूतों को किया तलब

तेहरान, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। ईरान के विदेश मंत्रालय ने जर्मन और ऑस्ट्रियाई राजदूतों को तलब किया। दरअसल इजरायल पर तेहरान के मिसाइल हमले का विरोध जताने लिए इन देशों ने ईरानी दूतों को तलब किया था। अब इस्लामिक गणराज्य ने जवाबी कार्रवाई की है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के विदेश मंत्रालय में पश्चिमी यूरोपीय देशों के निदेशक माजिद नीली अहमदाबादी ने दूतों के साथ बातचीत की।

अहमदाबादी ने इस दौरान कहा कि ईरान की इजरायल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत वैध रक्षा के सिद्धांत के अनुरूप थी।

इजरायल के समर्थन में कुछ यूरोपीय देशों के रुख की निंदा करते हुए अहमदाबादी ने कहा कि ‘हमें (पश्चिम एशिया में) ऐसी आपदाएं नहीं देखनी पड़तीं’ यदि यूरोपीय पक्षों ने समय रहते अपने समर्थन को खत्म कर इजरायल की ‘नरसंहार मशीन’ को रोक दिया होता।

जर्मन और ऑस्ट्रियाई राजदूतों ने अपनी-अपनी सरकारों को ईरान के विरोध से अवगत कराने का आश्वासन दिया।

इस बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस सप्ताह के शुरू में इजरायल पर तेहरान के हमले की तारीफ की और इसे ‘पूरी तरह से कानूनी और वैध कार्य’ बताया।

तेहरान की ग्रैंड मोसल्ला मस्जिद से शुक्रवार की नमाज का नेतृत्व करते हुए खामेनेई ने लोगों को संबोधित किया। हजारों लोग उन्हें सुनने के लिए इक्ट्ठा हुए थे। इस दौरान राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन भी उपस्थित थे।

सुप्रीम लीडर के भाषण का एक हिस्सा अरबी भाषा में था जिसमें पूरे इस्लामी जगत, ‘विशेष रूप से लेबनान और फिलिस्तीन’ के लिए एक संदेश था।

ईरानी सर्वोच्च नेता ने विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, “दो या तीन रात पहले हमारे सशस्त्र बलों का शानदार काम पूरी तरह से कानूनी और वैध था।”

खामेनेई ने कहा, “ईरान का दुश्मन फिलिस्तीन, लेबनान, सीरिया, मिस्र, यमन और इराक का भी दुश्मन है। दुश्मन एक ही है और हर जगह एक खास तरीके से काम करता है।”

इससे पहले बुधवार को ईरानी सुप्रीम लीडर ने कहा था कि पश्चिम एशिया में समस्याओं का मूल कारण इस क्षेत्र में अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों की मौजूदगी है।

–आईएएनएस

एमके/

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