टीएमसी विधायक को इकबाल अंसारी की नसीहत, 'मस्जिद के नाम पर राजनीति करने की जरूरत नहीं'


नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक हुमांयू कबीर के ‘बाबरी मस्जिद’ बनाने के ऐलान ने विवाद खड़ा कर दिया है। इस पर अयोध्या मामले में पैरोकार रहे इकबाल अंसारी ने भी आपत्ति जताई है और कहा कि मंदिर-मस्जिद राजनीति के लिए जगह नहीं हैं।

टीएमसी विधायक के बयान पर इकबाल अंसारी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “अयोध्या के विषय पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था, जिसका सभी मुसलमानों ने सम्मान किया। कोर्ट ने मस्जिद के लिए भी जमीन दी थी। इसलिए मस्जिद के नाम पर लोगों को राजनीति करने की जरूरत नहीं है।”

उन्होंने यह भी कहा कि बहुत चीजों को लोग भूल जाते हैं, लेकिन नेता राजनीति के लिए ऐसे विषयों को भुनाने की कोशिश करते रहते हैं।

इकबाल अंसारी ने कहा, “हमारा मानना है कि मंदिर-मस्जिद और धर्म-जात की राजनीति देश के लिए सही नहीं है। देश के प्रति वफादारी होनी चाहिए। भाई-चारा होना चाहिए।”

वहीं, हुमायूं कबीर के ‘बाबरी मस्जिद’ वाले बयान पर ज्ञानवापी मामले में याचिकाकर्ता सोहनलाल आर्य ने भी कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा, “बंगाल में बाबरी मस्जिद बनाने का ऐलान गलत है। ममता बनर्जी के आदेश के बिना बंगाल में इतना बड़ा ऐलान नहीं किया जा सकता है।”

उन्होंने कहा, “मस्जिद बनाए जाने से आपत्ति नहीं है, लेकिन यह ‘बाबरी मस्जिद’ के नाम से नहीं बनाई जानी चाहिए। वीर अब्दुल हमीद और तमाम राष्ट्रवादी मुसलमानों के नाम पर मस्जिद बनाएं, इससे किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी। आक्रांता के नाम पर मस्जिद के निर्माण का हम विरोध करेंगे।”

सोहनलाल आर्य ने यह भी कहा कि 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे, उस समय में बाबरी मस्जिद की घोषणा करना यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है। यह राजनीति का भी मापदंड नहीं है।

बता दें कि टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने छह दिसंबर को मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी नामक मस्जिद की आधारशिला रखने का ऐलान किया। उन्होंने अपने बयान में कहा, “मस्जिद तैयार होने में तीन साल लगेंगे। पिछले साल 12 दिसंबर को मैंने यही खड़े होकर वादा किया था। इस समारोह में दो लाख लोग मौजूद रहेंगे बहुत सारे लोग शामिल होंगे। मंच पर 400 जाने माने लोग उपस्थित होंगे।”

–आईएएनएस

डीसीएच/


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