इंफोसिस और माइक्रोसॉफ्ट ने जनरेटिव एआई को वैश्विक स्तर पर अपनाने के लिए सहयोग का हाथ बढ़ाया

इंफोसिस और माइक्रोसॉफ्ट ने जनरेटिव एआई को वैश्विक स्तर पर अपनाने के लिए सहयोग का हाथ बढ़ाया

बेंगलुरू, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। टेक्नोलॉजी सेक्टर की प्रमुख कंपनियों इंफोसिस और माइक्रोसॉफ्ट ने बुधवार को वैश्विक स्तर पर ग्राहकों द्वारा जनरेटिव एआई और माइक्रोसॉफ्ट एज्योर को अपनाने में तेजी लाने में मदद के लिए अपने सहयोग का विस्तार करने की घोषणा की।

इस कदम का उद्देश्य इंफोसिस और माइक्रोसॉफ्ट के संयुक्त ग्राहकों को उनके टेक्नोलॉजी निवेश का मूल्य समझने और बेहतर परिणाम प्राप्त करने में मदद करना है।

इंफोसिस गिटहब को-पायलेट को अपनाने वाली शुरुआती कंपनियों में से एक बन गई है। मौजूदा समय में इसके 18,000 से ज्यादा डेवलपर हैं, जिन्होंने को-पायलेट से 7 मिलियन से ज्यादा लाइन्स का कोड तैयार किया है और उसका इस्तेमाल किया है।

इंफोसिस के कार्यकारी उपाध्यक्ष और ग्लोबल इंडस्ट्री लीडर आनंद स्वामीनाथन ने कहा, “यह सहयोग ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से ग्राहकों को उच्च मूल्य प्रदान कर, वित्त, स्वास्थ्य सेवा, आपूर्ति श्रृंखला और दूरसंचार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में लागत-दक्षता प्रदान करता है। यह विभिन्न व्यावसायिक समस्याओं का समाधान करता है।”

इंफोसिस ने हाल ही में पहली बार इंडस्ट्री फर्स्ट ‘गिटहब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ लॉन्च किया है।

कंपनी ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट की टेक्नोलॉजी और अपने खुद के इंडस्ट्री लीडिंग एआई और क्लाउड सुइट, इंफोसिस टोपाज और इंफोसिस कोबाल्ट, साथ ही इसके एआई-संचालित मार्केटिंग सुइट इंफोसिस एस्टर के साथ सहयोग से ग्राहक अनुभव को बढ़ाने और उद्यम एआई को वैश्विक रूप से अपनाने में मदद मिलेगी।

इनमें से कई समाधान एज्योर मार्केटप्लेस पर उपलब्ध होंगे, जिससे ग्राहक अपने माइक्रोसॉफ्ट एज्योर उपभोग प्रतिबद्धता (एमएसीसी) का उपयोग कर सकेंगे।

माइक्रोसॉफ्ट की मुख्य साझेदार अधिकारी निकोल डेजन ने कहा कि इंफोसिस के साथ इस सहयोग से उद्योगों में बदलाव आएगा, व्यावसायिक परिचालन में वृद्धि होगी, कर्मचारियों के अनुभव में सुधार होगा और ग्राहकों के लिए नया मूल्य उपलब्ध होगा।

डेजेन ने कहा, “हम मिलकर समाधान प्रदान करने, एआई अपनाने को बढ़ावा देने और ग्राहकों के लिए नवाचार को सक्षम करने के लिए जनरेटिव एआई की शक्ति का उपयोग करेंगे।”

एआई डेवलपर उत्पादकता लाभ से 2030 तक वैश्विक जीडीपी में 1.5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की वृद्धि हो सकती है।

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम

E-Magazine