इंडसइंड बैंक का शेयर 27 प्रतिशत से ज्यादा गिरा, मार्केट वैल्यू में 19,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमी

मुंबई, 11 मार्च (आईएएनएस)। इंडसइंड बैंक के शेयर की कीमत मंगलवार को 27.06 प्रतिशत गिरकर 656.8 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुई। क्योंकि लेंडर के इंटरनल रिव्यू में इसकी नेट वर्थ (दिसंबर 2024 तक) पर लगभग 2.35 प्रतिशत का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का अनुमान लगाया गया था।
शेयर ने इंट्रा-डे ट्रेडिंग सेशन के दौरान 52 सप्ताह के नए निचले स्तर को भी छुआ, जो लगातार पांचवें सेशन में नुकसान का संकेत है।
प्राइवेट लेंडर द्वारा अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में विसंगतियों का खुलासा करने के बाद यह भारी गिरावट दर्ज की गई।
यह गिरावट बैंक के इतिहास में सबसे बड़ा सिंगल-डे फॉल थी, इसलिए बैंक के बाजार मूल्य से लगभग 19,500 करोड़ रुपये कम हो गए।
इस गिरावट के साथ, इंडसइंड बैंक ने जनवरी 2024 में अपने पीक से बाजार पूंजीकरण में लगभग 78,762 करोड़ रुपये खो दिए हैं।
इंटरनल रिव्यू के दौरान इसके डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में 2.35 प्रतिशत की विसंगतियां पाए जाने के बाद बैंक की कुल संपत्ति में लगभग 2,100 करोड़ रुपये की गिरावट आने की उम्मीद है।
हिंदुजा प्रमोटेड लेंडर अपनी चौथी तिमाही की आय या वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में इस नुकसान की भरपाई करने की योजना बना रहा है।
इंटरनल रिव्यू निष्कर्षों ने बैंक के स्टॉक के लिए कई ब्रोकरेज से टारगेट प्राइस में कटौती की एक सीरीज को भी शुरू कर दिया है, जो कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुमंत कठपालिया को केवल एक वर्ष का विस्तार दिए जाने के कुछ दिनों बाद ताजा उथल-पुथल के बीच है।
बैंक ने अपनी ट्रेजरी बुक में पाई गई विसंगतियों के एक्सटर्नल रिव्यू के लिए एक प्रमुख परामर्श फर्म पीडब्ल्यूसी इंडिया को नियुक्त किया है।
रिपोर्ट बताती है कि पीडब्ल्यूसी से दो से तीन सप्ताह के भीतर अपने निष्कर्ष पेश करने की उम्मीद है।
सिटी ने कहा कि सक्सेशन के व्यू पॉइंट से इंडसइंड बैंक को “लिटमस टेस्ट” का सामना करना पड़ेगा और बोर्ड एक्सटर्नल और इंटरनल दोनों कैंडिडेट्स का मूल्यांकन कर सकता है।
पीएल कैपिटल- प्रभुदास लीलाधर के गौरव जानी ने कहा, “हमने इंडसइंड बैंक को ‘बाय’ से ‘होल्ड’ कर दिया है, क्योंकि हमने आय की गुणवत्ता और भविष्य के नेतृत्व से जुड़ी अनिश्चितताओं के कारण मल्टीपल को 1.4 गुना से घटाकर 1.0 गुना कर दिया है। डेरिवेटिव अकाउंटिंग में अनियमितता का पता चलने के बाद से इंडसइंड बैंक के लिए परेशानी बनी हुई है। यह विसंगति 31 मार्च 2024 तक 5-7 साल की अवधि में थी, हालांकि, आरबीआई के निर्देश के कारण, 1 अप्रैल 2024 से कोई अनियमितता नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारे विचार में, इस एपिसोड का असर एमडी और सीईओ के कार्यकाल को केवल 1 वर्ष के लिए बढ़ाने के आरबीआई के फैसले पर पड़ा। वित्त वर्ष 2027 एबीवी पर मूल्यांकन 0.9 गुना है और हमने टारगेट प्राइस को 1,400 रुपये से घटाकर 1,000 रुपये कर दिया है।”
–आईएएनएस
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