मुंबई, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। बजट एयरलाइन इंडिगो की ओर से शुक्रवार को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही ( जुलाई-सितंबर) में 986 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया गया है, पिछले साल समान तिमाही में यह आंकड़ा 188 करोड़ रुपये पर था।
इंडिगो की प्रवर्तक कंपनी इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड के मुताबिक, नुकसान की वजह ऊंची तेल की कीमतें और ग्राउंडिंग्स (विमान का ऑपरेशन से बाहर होना) का बढ़ना है जो अब कम हो रही हैं।
30 सितंबर को समाप्त होने वाली तिमाही में कंपनी का कुल खर्च पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 21.9 प्रतिशत बढ़कर 18,666 करोड़ रुपये हो गया है।
जुलाई -सितंबर अवधि के बीच इंडिगो की आय पिछले वर्ष की समान तिमाही के मुकाबले 14.6 प्रतिशत बढ़कर 17,760 करोड़ रुपये हो गई है।
कंपनी द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि एयरलाइन की क्षमता एएसके (उपलब्ध सीट प्रति किलोमीटर) 8.2 प्रतिशत बढ़कर 38.2 अरब हो गई है। इसके साथ ही यात्रियों को ले जाने की क्षमता 5.8 प्रतिशत बढ़कर 27.8 मिलियन हो गई है।
इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने कहा कि तिमाही में कंपनी की वृद्धि और विस्तार जारी रहा और आय में सालाना आधार पर 14.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
एल्बर्स ने आगे कहा, “पारंपरिक रूप से कमजोर दूसरी तिमाही में, ग्राउंडिंग और ईंधन लागत से संबंधित बाधाओं के कारण परिणाम और भी प्रभावित हुए। हलांकि यह स्थिति अब बदल गई है क्योंकि ग्राउंडेड विमानों की संख्या और उनसे संबंधित लागत कम होने लगी है।”
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 के पहले नौ महीनों में देश का घरेलू हवाई यात्री यातायात 11.84 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 11.28 करोड़ था। नौ महीने की अवधि (जनवरी-सितंबर) के दौरान, बजट एयरलाइ इंडिगो में 7.25 करोड़ से अधिक यात्रियों ने यात्रा की और इस दौरान एयरलाइन का मार्केट शेयर 61.3 प्रतिशत था।
–आईएएनएस
एबीएस/