भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 9.2 प्रतिशत बढ़कर 10.82 लाख करोड़ रुपए के पार


नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान 17 सितंबर तक पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 9.18 प्रतिशत बढ़कर 10.82 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया। रिफंड में 23.87 प्रतिशत की तीव्र गिरावट आई है।

कुल राशि में गैर-कॉर्पोरेट कर राजस्व 13.67 प्रतिशत बढ़कर 5.83 लाख करोड़ रुपए हो गया।

यह कर उन विशिष्ट संस्थाओं द्वारा चुकाया जाता है, जो कंपनी अधिनियम के तहत कंपनियों के रूप में रजिस्टर्ड नहीं हैं।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शुद्ध कॉर्पोरेट कर संग्रह 4.93 प्रतिशत बढ़कर 4.72 लाख करोड़ रुपए हो गया, जबकि प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) 0.57 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 26,305.72 करोड़ रुपए हो गया।

सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 3.39 प्रतिशत बढ़कर 12.43 लाख करोड़ रुपए हो गया, जबकि रिफंड 23.87 प्रतिशत घटकर 1.60 लाख करोड़ रुपए रह गया।

कुल रिफंड का अधिकांश हिस्सा कॉर्पोरेट रिफंड 13.13 प्रतिशत बढ़कर 1.23 लाख करोड़ रुपए हो गया, जबकि गैर-कॉर्पोरेट करदाताओं को जारी रिफंड 63.39 प्रतिशत घटकर 37,306.72 करोड़ रुपए रह गया।

संग्रहित कुल सकल प्रत्यक्ष कर में से कॉर्पोरेट कर 5.95 लाख करोड़ रुपए, गैर-कॉर्पोरेट कर 6.20 लाख करोड़ रुपए, एसटीटी 26,305.72 करोड़ रुपए और अन्य कर 297.13 करोड़ रुपए रहे।

इस बीच, इस महीने की शुरुआत में जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में भारत का जीएसटी संग्रह 6.5 प्रतिशत बढ़कर 1.86 लाख रुपए हो गया।

जीएसटी संग्रह लगातार बढ़ रहा है और लगातार आठवें महीने 1.8 लाख करोड़ रुपए से ऊपर बना हुआ है, जो देश में बढ़ती आर्थिक गतिविधियों को दर्शाता है।

अगस्त में सकल घरेलू राजस्व 9.6 प्रतिशत बढ़कर 1.37 लाख करोड़ रुपए हो गया, जबकि आयात कर 1.2 प्रतिशत घटकर 49,354 करोड़ रुपए रह गया। जीएसटी रिफंड सालाना आधार पर 20 प्रतिशत घटकर 19,359 करोड़ रुपए रह गया।

अगस्त 2025 में शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.67 लाख करोड़ रुपए रहा, जो सालाना आधार पर 10.7 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्शाता है।

हाल के महीनों में कर संग्रह ने देश की राजकोषीय स्थिति और मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल को मजबूत किया है, जिससे स्थिर विकास सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।

अप्रैल-जुलाई में भारत का राजकोषीय घाटा 4.68 लाख करोड़ रुपए या 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के अनुमान का 29.9 प्रतिशत रहा, जबकि इस अवधि के लिए अगली कर प्राप्तियां 6.6 लाख करोड़ रुपए रहीं, जो दर्शाता है कि देश की राजकोषीय स्थिति मजबूत बनी हुई है।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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