भारत के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की वृद्धि दर जनवरी में 5 प्रतिशत रही


नई दिल्ली, 12 मार्च (आईएएनएस)। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर आधारित भारत की औद्योगिक वृद्धि दर जनवरी में 5 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो कि दिसंबर में 3.2 प्रतिशत थी। यह जानकारी सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों से प्राप्त हुई।

आंकड़ों से पता चलता है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, जो देश के विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग संस्थानों से निकलने वाले युवा स्नातकों को गुणवत्तापूर्ण नौकरियां प्रदान करता है, ने जनवरी में 5.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। यह पिछले साल की समान अवधि में 3.6 प्रतिशत था।

जनवरी 2024 में 6 प्रतिशत की तुलना में महीने के दौरान खनन उत्पादन में 4.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई और महीने के दौरान बिजली उत्पादन में केवल 2.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के 23 उद्योग समूहों में से 19 ने जनवरी 2025 में जनवरी 2024 की तुलना में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है। जनवरी 2025 में शीर्ष तीन सकारात्मक योगदानकर्ता में बेसिक मेटल की मैन्युफैक्चरिंग में 6.3 प्रतिशत, कोक और रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग में 8.5 प्रतिशत और इलेक्ट्रिकल उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग में 21.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उद्योग समूह कोक और रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग में डीजल, पेट्रोल और एलपीजी जैसी वस्तुओं ने वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

उपयोग-आधारित वर्गीकरण के आंकड़े बताते हैं कि पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन, जिसमें कारखानों में उपयोग की जाने वाली मशीनें शामिल हैं, जनवरी में 7.8 प्रतिशत बढ़ा है।

यह खंड अर्थव्यवस्था में हो रहे वास्तविक निवेश को दर्शाता है, जिसका भविष्य में नौकरियों और आय के सृजन पर गुणक प्रभाव पड़ता है।

नवंबर के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामान, रेफ्रिजरेटर और टीवी जैसे उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में भी 7.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो बढ़ती आय के बीच इन वस्तुओं की उच्च उपभोक्ता मांग को दर्शाता है।

नवंबर में 5.2 प्रतिशत के 6 महीने के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद दिसंबर में औद्योगिक विकास दर धीमी हो गई थी, लेकिन जनवरी में इसमें वृद्धि देखने को मिली थी।

–आईएएनएस

एबीएस/एबीएम


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