भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि! कुल बिजली उत्पादन क्षमता में ग्रीन एनर्जी की हिस्सेदारी बढ़कर 51 प्रतिशत हुई


नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत ने ग्रीन एनर्जी में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है और कुल बिजली उत्पादन में ग्रीन एनर्जी की हिस्सेदारी बढ़कर 51 प्रतिशत हो गई है, इसमें रिन्यूएबल, हाइड्रो और न्यूक्लियर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली शामिल है। यह जानकारी विद्युत मंत्रालय की ओर से बुधवार को दी गई।

सरकार की ओर से बताया गया कि 30 सितंबर 2025 तक, देश में स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 500 गीगावाट के पार निकलकर 500.89 गीगावाट हो गई है, जिसमें गैर-जीवाश्म ईंधन से पैदा होने वाली बिजली की हिस्सेदारी बढ़कर 256.09 गीगावाट या 51 प्रतिशत हो गई है।

वहीं, देश के कुल बिजली उत्पादन में जीवाश्म ईंधन जैसे कोयले से पैदा होने वाली बिजली की हिस्सेदारी 244.80 गीगावाट या 49 प्रतिशत रह गई है। यह दिखाता है कि सरकार तेजी से रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन को बढ़ा रही है और देश के एनर्जी मिक्स को जीवाश्म ईंधन से पैदा होने वाली बिजली से शिफ्ट कर गैर-जीवाश्म ईंधन से पैदा होने वाली बिजली की ओर ले जा रही है।

रिन्यूएबल एनर्जी सेगमेंट में सोलर पावर की हिस्सेदारी बढ़कर 127.33 गीगावाट हो गई है। वहीं, विंड पावर का योगदान बढ़कर 53.12 गीगावाट हो गया है।

सरकार ने बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर अवधि) में भारत की गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता में 28 गीगावाट का इजाफा हुआ है और इस दौरान जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता 5.1 गीगावाट बढ़ी है, जो दिखाता है कि देश के एनर्जी मिक्स में जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली के मुकाबले गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली क्षमता कई गुना तेजी से बढ़ रही है।

बयान में आगे कहा गया कि यह पहला मौका है कि देश में रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों की क्षमता जीवाश्म ईंधन आधारित स्रोतों की क्षमता से अधिक हो गई है।

इस प्रगति के साथ, भारत ने अपने प्रमुख सीओपी26 पंचामृत लक्ष्यों में से एक -स्थापित विद्युत क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त करना- को प्राप्त कर लिया है और इसे 2030 की निर्धारित समय सीमा से पहले प्राप्त किया गया है।

बयान में कहा गया है कि यह सफलता स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में भारत के नेतृत्व को दर्शाती है, जिसे बिजली ग्रिड को स्थिर और विश्वसनीय बनाए रखते हुए हासिल किया गया है।

सरकार ने बयान में कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी पर जोर मैन्युफैक्चरिंग, इंस्टॉलेशन, रखरखाव और इनोवेशन में नए रोजगार के अवसर पैदा कर रहा है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों तरह के युवाओं को लाभ हो रहा है।

–आईएएनएस

एबीएस/


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