अप्रैल में भारत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़कर 8.8 बिलियन डॉलर पहुंचा


मुंबई, 25 जून (आईएएनएस) इस साल अप्रैल में भारत में सकल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह बढ़कर 8.8 बिलियन डॉलर हो गया, जो मार्च में 5.9 बिलियन डॉलर और अप्रैल 2024 में 7.2 बिलियन डॉलर से अधिक है। यह जानकारी बुधवार को जारी आरबीआई के मासिक बुलेटिन में दी गई।

इस महीने सकल एफडीआई प्रवाह में विनिर्माण और व्यावसायिक सेवाओं की हिस्सेदारी करीब आधी रही।

बुलेटिन में कहा गया है कि भारत एफडीआई प्रवाह में वैश्विक स्तर पर 16वें स्थान पर है और पिछले पांच वर्षों (2020-2024) में डिजिटल अर्थव्यवस्था क्षेत्रों में ग्रीनफील्ड निवेश 114 बिलियन डॉलर रहा है, जो ग्लोबल साउथ के सभी देशों में सबसे अधिक है।

मई 2025 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) का शुद्ध प्रवाह 1.7 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो कि इक्विटी सेगमेंट द्वारा संचालित था।

भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध विराम और 2024-25 की चौथी तिमाही में उम्मीद से बेहतर कॉर्पोरेट नतीजों के कारण लगातार तीसरे महीने इक्विटी में तेजी आई। इससे निवेशकों की धारणा में सुधार हुआ और दूरसंचार, सेवाएं और पूंजीगत सामान शीर्ष प्राप्तकर्ता क्षेत्रों के रूप में उभरे हैं।

बुलेटिन के अनुसार, पिछले महीने में निकासी का अनुभव करने वाले डेट सेगमेंट में मई में शुद्ध निकासी में ठहराव देखा गया, जबकि भारतीय और अमेरिकी सरकारी बॉन्ड के बीच यील्ड अंतर महीने के अधिकांश समय 2 प्रतिशत से नीचे रहा।

इस साल अप्रैल के दौरान एनआरआई जमा राशि बढ़कर 165.43 बिलियन डॉलर हो गई, जो पिछले साल के इसी महीने में 164.68 बिलियन डॉलर थी।

आरबीआई ने बताया कि विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि ने रुपए को मजबूत करने में भी मदद की और एक मजबूत बाहरी संतुलन स्थिति को दर्शाया, जो देश के 11 महीने से अधिक के निर्यात को फंड करने के लिए पर्याप्त है।

बुलेटिन में कहा गया है, “अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपओ (आईएनआर) में मासिक आधार पर 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और मई 2025 के दौरान इसमें कम अस्थिरता देखी गई।”

–आईएएनएस

एबीएस/


Show More
Back to top button