नए फंडिंग के बाद भारत का पहला एआई यूनिकॉर्न बना कृत्रिम

नए फंडिंग के बाद भारत का पहला एआई यूनिकॉर्न बना कृत्रिम

नई दिल्ली, 26 जनवरी (आईएएनएस)। घरेलू एआई कंपनी कृत्रिम शुक्रवार को देश की सबसे तेज यूनिकॉर्न और देश की पहली एआई यूनिकॉर्न बन गई, जब उसने अपने पहले दौर की फंडिंग पूरी कर ली।

मैट्रिक्स पार्टनर्स इंडिया और अन्य निवेशकों के नेतृत्व में फंडिंग राउंड में 1 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन पर इक्विटी में 50 मिलियन डॉलर का निवेश हुआ।

एक बयान में कहा गया है कि जुटाई गई धनराशि एआई लैंडस्केप में क्रांति लाने, नवाचार को बढ़ावा देने और वैश्विक स्तर पर अपनी पहुंच का विस्तार करने के कंपनी के मिशन को तेज करने में सहायक होगी।

कृत्रिम के संस्थापक, ओला के भाविश अग्रवाल ने कहा, “भारत को अपना खुद का एआई बनाना है, और हम देश का पहला पूर्ण एआई कंप्यूटिंग स्टैक बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।”

मैट्रिक्स पार्टनर्स इंडिया के संस्थापक और एमडी अवनीश बजाज ने कहा कि उन्हें भाविश और कृत्रिम के साथ अपनी साझेदारी को गहरा करने का सौभाग्य मिला है।

कृत्रिम ने पिछले महीने अपने बेस लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) का अनावरण किया था।

अपने प्रशिक्षण के लिए उपयोग किए जाने वाले भारतीय डेटा के सबसे बड़े प्रतिनिधित्व के साथ, यह सभी भारतीय भाषाओं के लिए जेनरेटर एआई अनुप्रयोगों को शक्ति प्रदान करता है।

बेंगलुरु और सैन फ्रांसिस्को स्थित अग्रणी कंप्यूटर वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा प्रशिक्षित, यह मॉडल कृत्रिम के संवादात्मक एआई सहायक को भी शक्ति प्रदान करेगा जो कई भारतीय भाषाओं को धाराप्रवाह समझता और बोलता है।

2 ट्रिलियन से अधिक टोकन पर प्रशिक्षित, कृत्रिम एमएमएलयू, हेलास्वैग, बीबीएच, पीआईक्यूए और एआरसी सहित कई वैश्विक एलएलएम मूल्यांकन बेंचमार्क पर बेहतर प्रदर्शन करता है।

कृत्रिम मॉडल आसानी से भाषाओं के बीच स्विच कर सकता है और बंगाली कविता से लेकर बॉलीवुड फिल्मों, रचनात्मक मसाला डोसा व्यंजनों तक जैसे सूक्ष्म विषयों पर चर्चा कर सकता है।

कृत्रिम फरवरी 2024 में उपभोक्ताओं के लिए बीटा संस्करण में उपलब्ध होगा।

–आईएएनएस

एसकेपी

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