भारत का डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अदाणी-गूगल एआई हब के साथ तेजी से बढ़ रहा आगे


नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। एक लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एक ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहा है, जो भविष्य में दुनिया के डिजिटल इंटेलिजेंस को पावर करेगा। इसी कड़ी में अमेरिका से बाहर अदाणी ग्रुप और गूगल क्लाउड द्वारा एक विशाल 15 बिलियन डॉलर के एआई डेटा सेंटर कैंपस का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है।

न्यूजवीक के एक आर्टिकल में कहा गया है कि जब पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत को एआई का जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करने के साथ दुनिया का नेतृत्व करना चाहिए और इसे पावर करने के लिए एक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना चाहिए, तो बहुत से लोगों को यह एक बहुत बड़ी महत्वाकांक्षा लगी। लेकिन, आज वही विजन हकीकत में पूरा होने जा रहा है।

गूगल का कहना है कि विशाखापत्तनम में भारत के ट्रांसफॉर्मेशन को तेज करने के लिए एक नया एआई हब बनाया जाएगा। इसमें पावरफुल एआई इंफ्रास्ट्रक्चर, डेटा सेंटर कैपेसिटी, नए लार्ज-स्केल एनर्जी सोर्स, और एक बड़ा फाइबर-ऑप्टिक नेटवर्क सभी कुछ एक ही स्थान पर होंगे।

पीएम मोदी के अनुसार, “गूगल एआई हब मल्टी-फेसटेड इन्वेस्टमेंट विकसित भारत बनाने के विजन के साथ मेल खाता है। यह टेक्नोलॉजी को सभी तक पहुंचाने में एक पावरफुल ताकत बनेगा। यह ‘एआई फॉर ऑल’ भी सुनिश्चित करेगा। साथ ही, नागरिकों को लेटेस्ट टूल्स देगा, देश की डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देगा और भारत को एक ग्लोबल टेक्नोलॉजी लीडर के तौर पर अपनी जगह बनाने में मदद करेगा।”

न्यूजवीक की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने पहचाना था कि डेटा सेंटर ‘इंफिनिटी एनर्जी डिमांड’ पैदा करेंगे, और क्लिन एनर्जी को प्राथमिक अड़चन के रूप में चिह्नित किया।

इसके बाद 2022 में अदाणी ग्रीन एनर्जी ने क्लीन एनर्जी में 70 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया। 2023 में अदाणी एआई लैब्स लॉन्च हुआ। 2024 में कोर्ड्ज के अधिग्रहण ने एक सॉवरेन क्लाउड के लिए जमीन तैयार की और 2025 में यह आखिरकार अदाणी के ‘इंफ्रास्ट्रक्चर ऑफ इंटेलिजेंस’ के विचार में बदल गया।

रिपोर्ट के अनुसार, वहीं दूसरी ओर, भारत का एआई मार्केट 2024 में 1 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2030 तक 8 बिलियन डॉलर तक होने की उम्मीद है।

इसी के साथ विशाखापत्तनम में गूगल एआई हब में एक खास डेटा सेंटर कैंपस शामिल होगा, जो पूरे भारत और दुनिया भर में डिजिटल सेवाओं की मांग को पूरा करने में मदद के लिए गीगावाट-स्केल कंप्यूट क्षमता जोड़ेगा।

–आईएएनएस

एसकेटी/डीकेपी


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