सूरीनाम में भारत के राजदूत सुभाष पी गुप्ता ने यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री से की मुलाकात


लखनऊ, 17 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास एवं निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से सूरीनाम गणराज्य में भारत के राजदूत सुभाष पी गुप्ता ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी से मुलाकात की। यह मुलाकात मंत्री के सरकारी आवास पर हुई।

राजदूत सुभाष पी गुप्ता इन्वेस्ट यूपी की पहल पर उत्तर प्रदेश के दौरे पर लखनऊ आए हैं। इस दौरे का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को प्रोत्साहित करना और राज्य में निवेश को आकर्षित करना है। मंत्री नंदी ने सूरीनाम गणराज्य के राजदूत सुभाष पी गुप्ता के सम्मान में अपने सरकारी आवास पर रात्रि भोज का आयोजन किया, जिसमें राजदूत सुभाष पी गुप्ता के साथ ही औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारी सम्मिलित हुए।

मुलाकात के दौरान सूरीनाम के राजदूत ने भारत और सूरीनाम के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक संबंधों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत और सूरीनाम के बीच घनिष्ठ संबंधों का 151 वर्ष पुराना इतिहास है। भारतीयों का पहला समूह 1873 में भारतीय उपमहाद्वीप से, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे क्षेत्रों से, गिरमिटिया मजदूरों के रूप में सूरीनाम पहुंचा था। सूरीनाम में रहने वाले प्रवासियों ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया है।

उन्होंने कहा कि सूरीनाम और उत्तर प्रदेश का रिश्ता बहुत मजबूत है। यूपी में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। सूरीनाम प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। इसके तेल और गैस भंडार विशेष रूप से आशाजनक हैं।

औद्योगिक विकास मंत्री ने सूरीनाम में भारत के राजदूत और उनकी पत्नी का स्वागत किया। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास की पटरी पर दौड़ रहा है। 2017 के पहले बीमारू राज्य की श्रेणी में शामिल उत्तर प्रदेश पिछले आठ वर्षों में देश का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है क्योंकि यह सांस्कृतिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास का स्वर्ण काल है।

उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने की दिशा में ठोस और प्रभावी रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है। निवेश का अनुकूल एवं सुरक्षित वातावरण बना है। यही कारण है कि पिछले वर्ष संपन्न ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 40 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव देश ही नहीं विदेश से भी आए हैं।

–आईएएनएस

विकेटी/पीएसके


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