केबीसी में पहुंची भारतीय महिला क्रिकेट टीम, स्नेह राणा ने अमिताभ से की खास अपील

मुंबई, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। क्विज शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी हरमनप्रीत कौर, दीप्ति शर्मा, शेफाली वर्मा, ऋचा घोष, हरलीन देओल, स्नेह राणा और कोच अमोल पहुंचे। इस दौरान स्नेह राणा ने अमिताभ बच्चन से प्यार भरा निवेदन किया। उन्होंने बिग बी से अनुरोध किया कि वह वर्ल्ड कप मेडल को अपने हाथों से पहनाकर सम्मानित करें।
एपिसोड के दौरान स्नेह राणा ने कहा कि अमिताभ बच्चन से मेडल से सम्मानित होना किसी बड़े सपने से कम नहीं है।
अमिताभ बच्चन भी इस सम्मान से भावुक दिखाई दिए। उन्होंने टीम की तारीफ करते हुए कहा कि बहुत से लोग केबीसी की हॉट सीट पर आए हैं, लेकिन भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने अपने अद्भुत खेल और दृढ़ निश्चय से इस शो की प्रतिष्ठा को और ऊंचा कर दिया है।
उन्होंने कहा, ”भारतीय टीम सिर्फ मैच नहीं जीतती, बल्कि भारत की छवि, संस्कृति और साहस को पूरी दुनिया में लेकर जाती है। जब विश्वास और मेहनत एक साथ होते हैं, तब दुनिया उस उपलब्धि को सलाम करने पर मजबूर हो जाती है।”
वहीं टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने घोषणा की कि वे केबीसी में जीती गई धनराशि को भारतीय महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम को दान करेंगी। उनके इस घोषणा पर पूरा सेट तालियों की गड़गड़ाहटों से गूंज उठा।
इस पर अमिताभ बच्चन ने कहा कि यह टीम सिर्फ मैदान पर ही नहीं, बल्कि दिल से भी बड़ी चैंपियन है।
बातचीत के दौरान हरमनप्रीत कौर ने अपने बचपन के किस्सों को भी याद किया। अमिताभ बच्चन ने जब उनसे उनके शुरुआती जीवन के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया, ”मेरे पापा ने मेरे लिए एक खास टी-शर्ट बनाई थी, जिस पर ‘गुड बैटिंग’ लिखा हुआ था। यह टी-शर्ट मुझे मेरे जन्म के दिन पहनाई गई थी। उस समय मेरे परिवार ने इस बारे में कोई ध्यान भी नहीं दिया था। बड़े होकर, मैंने भारतीय टीम के लिए कई मैच खेले। एक दिन हम घर शिफ्ट कर रहे थे, तभी मेरी मां को वह कपड़ा मिला। मां ने इसे दिखाते हुए कहा, ‘ये वही कपड़े हैं जो तुमने अपने जन्म के दिन पहने थे।’ उस टी-शर्ट पर ‘गुड बैटिंग’ देख मैं इमोशनल हो गई। ऐसा लगा जैसे मेरे पापा का भविष्य के लिए दिया आशीर्वाद था, जो अनजाने में ही सच हो गया।”
बातचीत के दौरान अमिताभ बच्चन ने उनसे पूछा कि आखिर उन्हें क्रिकेट खेलने की प्रेरणा कहां से मिली। हरमनप्रीत ने बताया, ”जब स्कूल के प्रिंसिपल ने मुझे खेलते हुए देखा, तो उन्होंने कहा कि स्कूल में कई खेल हैं, लेकिन लड़कियों की कोई क्रिकेट टीम नहीं है, लेकिन उन्होंने वादा किया कि अगर मैं स्कूल में दाखिला ले लूंगी तो वे खास मेरे लिए क्रिकेट टीम तैयार करेंगी। मैंने उनके इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और वहीं से मेरा क्रिकेट सफर शुरू हुआ।”
–आईएएनएस
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