भारतीय स्टार्टअप और उभरती संस्थाओं ने 150 बिलियन डॉलर से अधिक की निजी पूंजी की आकर्षित : पीयूष गोयल

नई दिल्ली, 12 जून (आईएएनएस)। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि बीते कुछ वर्षों में निजी निवेश में भारी उछाल दर्ज किया गया है, जिसमें भारतीय स्टार्टअप और उभरती संस्थाओं ने पिछले एक दशक में 150 बिलियन डॉलर से अधिक की निजी पूंजी आकर्षित की है।
सरकार की स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स योजना के माध्यम से 1,270 से अधिक स्टार्टअप्स में 22,900 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया गया है।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “भारत टेक्नोलॉजी को एक शानदार तरीके से अपना रहा है! यह डिजिटल परिवर्तन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दूरदर्शी दृष्टिकोण और समय पर नीतिगत हस्तक्षेप का परिणाम है। समाज के हर वर्ग और जीवन के हर पहलू पर डिजिटल इंडिया के 11 वर्षों का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।”
घरेलू स्टार्टअप द्वारा आईपी फाइलिंग 2017 से 2024 तक बढ़ी है, जिसमें पेटेंट में 355 प्रतिशत से अधिक और ट्रेडमार्क में 543 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
भारत अब ‘ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2024’ में वैश्विक स्तर पर 39वें स्थान पर है।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि उन्हें देश में इनोवेशन और उद्यम को बढ़ावा देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की क्रांतिकारी पहल ‘स्टार्टअप इंडिया’ के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए गर्व है।
उन्होंने कहा, “हमारे युवाओं और महिलाओं की शानदार प्रतिभा इस क्रांति को शक्ति प्रदान कर रही है और भारत के आर्थिक विकास को उत्साह के साथ आगे बढ़ा रही है।”
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है, जिसमें 1.5 लाख से ज्यादा स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा, “डिजिटल इंडिया के 11 वर्षों ने हर नागरिक को निर्बाध सेवाओं, वित्तीय पहुंच और अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के जरिए सशक्त बनाया है।”
11 वर्ष पहले शुरू हुई डिजिटल क्रांति लगभग हर नीति-निर्माण और जन कल्याणकारी योजना के क्रियान्वयन में शामिल है, जिसमें गरीबों, वंचितों और हाशिए पर पड़े वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए योजनाएं बनाई गई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक्स पर लिखा, “टेक्नोलॉजी की शक्ति का लाभ उठाने से लोगों को अनगिनत लाभ मिले हैं। सर्विस डिलीवरी और ट्रांसपेरेंसी को बढ़ावा मिला है। इसके अलावा, टेक्नोलॉजी गरीब लोगों के जीवन को सशक्त बनाने का एक साधन बन गई है।”
–आईएएनएस
एसकेटी/