भारतीय गिफ्टिंग स्टार्टअप्स ने 10 वर्षों में 11.6 करोड़ डॉलर का फंड जुटाया


नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के गिफ्टिंग स्टार्टअप्स ने पिछले एक दशक में 11.59 करोड़ डॉलर जुटाए हैं, जो स्थिर लेकिन मामूली वृद्धि दर्शाता है। यह जानकारी गुरुवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

डेटा इंटेलिजेंस फर्म ट्रैक्सन टेक्नोलॉजीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर गिफ्टिंग स्टार्टअप्स ने 2015 से अब तक 1.7 अरब डॉलर जुटाए हैं। 2025 तक गिफ्टिंग बिजनेस में फंडिंग एक्टिविटी दुनिया भर में और भारत में धीमी रही।

2025 में फंडिंग हासिल करने वाली एकमात्र भारतीय फर्म , ‘इंडिगिफ्ट्स’ थी और फर्म ने एंजेल राउंड में 57,600 डॉलर जुटाए। भारतीय गिफ्टिंग फर्मों ने 2024 में 13 लाख डॉलर और 2023 में 3.27 करोड़ डॉलर जुटाए।

कोरोना महामारी के बाद गिफ्टिंग बिहेवियर में बदलाव के कारण 2022 में इस क्षेत्र में सबसे अधिक फंडिंग एक्टिविटी देखी गई।

भारतीय स्टार्टअप्स ने 6.39 करोड़ डॉलर जुटाए, जो उनका अब तक का सबसे अधिक वार्षिक कुल योग है।

ग्लोबल स्टार्टअप्स ने भी 2022 में 559 मिलियन डॉलर जुटाकर पीक पर पहुंच गए। हालांकि, बाद के वर्षों में यह गति धीमी पड़ गई क्योंकि निवेशकों ने अपना ध्यान ब्लिट्जस्केलिंग से हटाकर सस्टेनेबल, पूंजी-कुशल व्यवसायों को समर्थन देने पर केंद्रित कर दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि गिफ्टिंग इंडस्ट्री मुख्यतः ऑफलाइन, अवसर-आधारित बाजार से तकनीक-सक्षम, अनुभव-केंद्रित क्षेत्र में बदल गया है।

दुनिया भर में उपहार देने वाले स्टार्टअप्स ने 2025 में अब तक चार फंडिंग राउंड में 66.2 मिलियन डॉलर जुटाए हैं।

2024 में, ग्लोबल फंडिंग 99.8 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जो सालाना आधार पर 54 प्रतिशत कम है। निवेशक सतर्क हैं और पैमाने के बजाय लाभप्रदता को प्राथमिकता दे रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका स्थित रेज ने 220 मिलियन डॉलर हासिल किए, जिससे वह ऑनलाइन गिफ्ट कार्ड मार्केट में सबसे ज्यादा फंडिंग पाने वाला प्लेयर बन गया। सऊदी अरब स्थित फ्लावर गिफ्टिंग प्लेटफॉर्म, फ्लोवर्ड, 190.2 मिलियन डॉलर की फंडिंग के साथ दूसरे स्थान पर है, उसके बाद यूके स्थित ब्लूम एंड वाइल्ड का स्थान है।

ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने कहा, “गिफ्टिंग और रिवार्ड सेक्टर चुपचाप एक वैश्विक रूप से प्रासंगिक, इनोवेसन लेड कैटेगरी के रूप में विकसित हो गया है। भारत, अभी भी परिपक्व होते हुए भी, मजबूत, फाउंडर-लेड गिफ्टिंग उद्योगों का एक मजबूत आधार बना चुका है जो डिजिटल-फर्स्ट ब्रांडिंग और परिचालन दक्षता में नए मानक स्थापित कर रहे हैं।”

‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल के तहत, सरकार तीन प्रमुख योजनाओं – एफएफएस, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस) और स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम (सीजीएसएस) को लागू कर रही है ताकि स्टार्टअप्स को उनके बिजनेस साइकल के विभिन्न चरणों में सहायता मिल सके।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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