मुंबई, 27 जून (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को कहा कि वृहद आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के दम पर भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय तंत्र काफी मजबूत बना हुआ है।
आरबीआई ने आज जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा है कि देश के बैंकों और वित्तीय संस्थानों की बैलेंस शीट में सुधार के साथ वे ऋण उठाव बढ़ाकर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में मददगार बन रहे हैं।
अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों का सकल एनपीए अनुपात मार्च 2024 के अंत में कई साल के निचले स्तर 2.8 प्रतिशत पर और शुद्ध एनपीए 0.6 प्रतिशत पर आ गया।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) भी मजबूत स्थिति में हैं। इस साल 31 मार्च को उनका कैपिटल टू रिस्क वेटेड एसेट्स रेशिओ (सीआरएआर) 26.6 प्रतिशत, सकल एनपीए चार प्रतिशत और परिसंपत्ति से प्राप्त आय (आरओए) 3.3 प्रतिशत रहा।
आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2024 के अंत में अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों का सीआरएआर और कॉमन इक्विटी टीयर 1 (सीईटी 1) अनुपात क्रमशः 16.8 प्रतिशत और 13.9 प्रतिशत पर रहा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष में अधिसूचित वाणिज्यिक बैंक न्यूनतम पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करेंगे। मार्च 2025 में पूरे तंत्र का औसत सीआरएआर 16.1 प्रतिशत से 13 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है।
आरबीआई ने कहा है कि लंबे समय से जारी भू-राजनीतिक तनाव, सरकारों के ऋण में तेजी और अंतिम व्यक्ति तक मुद्रास्फीति कम करने में हो रही देरी से के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दबाव है।
इन चुनौतियों के बावजूद वैश्विक वित्तीय तंत्र मजबूत है और वित्तीय स्थिति में स्थिरता बनी हुई है।
–आईएएनएस
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