भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने बेल्जियम में आतंकवाद के खिलाफ अपना संकल्प दोहराया

ब्रुसेल्स, 5 जून (आईएएनएस)। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में भारत के सभी दलों के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने बेल्जियम में यूरोपीय संसद के सदस्यों (एमईपी) से कई अहम बैठकें कीं। इन बैठकों में भारत ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ अपने मजबूत और सख्त रुख को दोहराया।
प्रतिनिधिमंडल ने यूरोपीय संसद का दौरा किया और वहां भारत से जुड़े मामलों के प्रतिनिधिमंडल, विदेश मामलों की समिति और सुरक्षा व रक्षा समिति के सदस्यों से मुलाकात की।
बैठकों के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भारत के खिलाफ हो रहे सीमापार आतंकवाद पर विस्तार से जानकारी दी। खास तौर पर उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत की संतुलित और रणनीतिक प्रतिक्रिया को भी बताया।
संसद में चर्चा का केंद्र आतंकवाद के खिलाफ भारत और यूरोपीय संघ के बीच रणनीतिक सहयोग को मजबूत करना रहा। इसके साथ ही उच्च स्तरीय राजनयिक बातचीत और सांसदों के बीच विचार-विमर्श जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
भारतीय दूतावास के अनुसार, “आतंकवाद के खिलाफ भारत का सख्त संदेश दुनिया तक पहुंचाने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने यूरोपीय संसद के सदस्यों (एमईपी) से मुलाकात की। इस दौरान सीमा पार आतंकवाद सहित आतंकवाद से निपटने, वैश्विक शांति और भारत-यूरोपीय संघ के रिश्तों को मजबूत करने पर चर्चा हुई।”
यूरोपीय संघ ने पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और भारत के साथ एकजुटता जताई।
दूतावास ने कहा, “यूरोपीय संघ को पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत की सोच-समझकर की गई जवाबी कार्रवाई के बारे में बताया गया। इससे भारत की आतंकवाद के प्रति सख्त नीति और ‘जीरो टॉलरेंस’ का साफ संदेश मिला। यूरोपीय संसद के सदस्यों ने भी हमले के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना और एकजुटता जताई।”
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ब्रुसेल्स के कुछ प्रमुख थिंक टैंकों और रणनीतिक विशेषज्ञों से भी मुलाकात की। इस दौरान वैश्विक आतंकवाद की स्थिति और ऐसे खतरों से निपटने में भारत की यूरोपीय संघ से उम्मीदों पर चर्चा हुई।
इन चर्चाओं से यह साझा सोच और मजबूत हुई कि आतंकवाद से निपटने के लिए दुनिया को मिलकर एकजुट और समन्वित जवाब देना जरूरी है।
रविशंकर प्रसाद ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “ब्रसेल्स यात्रा के दौरान, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलकर मैंने आतंकवाद, खासकर भारत को निशाना बनाने वाले सीमा पार आतंकवाद पर विस्तार से चर्चा की। हमने वहां के प्रमुख थिंक टैंकों के साथ भारत की आतंकवाद विरोधी पहलें, खासतौर पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’, पर भी विचार-विमर्श किया। इन बातचीतों से यह स्पष्ट संदेश गया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाता है।”
–आईएएनएस
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