नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। साल 2023 के तुरंत बाद दुनिया बेसब्री से पेरिस ओलपिंक 2024 का इंतजार करेगी। जहां, भारतीय तीरंदाज भी एक बार फिर अपना दमदार प्रदर्शन जारी रखना चाहेंगे।
तीरंदाजी कैलेंडर पर सबसे प्रतीक्षित टूर्नामेंट में से एक पेरिस में होने वाला 2024 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक है।
अपने दृढ़ संकल्प और कौशल से लैस भारतीय तीरंदाज सबसे बड़े खेल मंच पर तिरंगे का प्रतिनिधित्व करने के लिए कमर कस रहे हैं।
यह चुनौती भारतीय तीरंदाजों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्हें प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में स्थान पक्का करने के लिए कोटा स्थान सुरक्षित करने या अपनी रैंकिंग में सुधार करने की आवश्यकता है।
विश्व चैंपियनशिप , जो इस साल अगस्त में आयोजित व्यक्तिगत और टीम श्रेणियों में शीर्ष तीन फिनिशरों को स्थान देने वाला पहला ओलंपिक क्वालीफायर था, में भारतीय रिकर्व तीरंदाज ओलंपिक कोटा हासिल करने में विफल रहे क्योंकि उन्होंने पदक के बिना अपना अभियान समाप्त किया।
पेरिस में 2023 तीरंदाजी विश्व कप भारतीय तीरंदाजी के लिए ताजी हवा की सांस लेकर आया, क्योंकि रिकर्व पुरुष टीम, जिसमें धीरज बोम्मदेवरा, अतानु दास और तुषार प्रभाकर शेल्के शामिल थे। उन्होंने कांस्य पदक जीता। इस उपलब्धि ने न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ाया बल्कि वैश्विक मंच पर टीम की क्षमता पर भी जोर दिया।
भजन कौर, अंकिता भकत और सिमरनजीत कौर की रिकर्व महिला टीम ने कांस्य पदक के साथ इस सफलता को प्रतिबिंबित किया।
हांगझोऊ में एशियाई खेल भारतीय तीरंदाजी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था, जिसने 13 साल के पदक के सूखे को तोड़ दिया।
पुरुष और महिला टीमों ने क्रमशः रजत और कांस्य हासिल करके उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया।
इस उल्लेखनीय उपलब्धि ने भारतीय तीरंदाजों द्वारा की गई प्रगति को रेखांकित किया और उनकी आगामी चुनौतियों के लिए आशावाद को बढ़ावा दिया।
बैंकॉक में एशियन कॉन्टिनेंटल क्वालीफायर टूर्नामेंट 2023 में भारत के लिए पहला पेरिस ओलंपिक कोटा हासिल करने में धीरज बोम्मदेवरा की हालिया उपलब्धि टीम की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर जोड़ती है।
यह सफलता न केवल तीरंदाजों की कड़ी मेहनत और समर्पण को प्रमाणित करती है, बल्कि खेल आयोजनों के शिखर के लिए तैयारी करते समय उनमें आशा और दृढ़ संकल्प की भावना भी पैदा करती है।
जैसे-जैसे 2024 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की उलटी गिनती जारी है, सबकी निगाहें तरूणदीप राय, अतानु दास, तुषार शेल्के, दीपिका कुमारी, अंकिता और सिमरनजीत जैसे तीरंदाजों पर होंगी।
ये निपुण एथलीट निरंतरता बनाए रखने और हाल की उपलब्धियों से प्राप्त गति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण होंगे।
ओलंपिक के लिए एक साल से भी कम समय बचा है। तीरंदाज एक चुनौतीपूर्ण लेकिन रोमांचक यात्रा के लिए तैयार हैं, जिसमें देश की उम्मीदें सबसे भव्य मंच पर तिरंगे की चमक देखने के लिए उत्सुक हैं।
–आईएएनएस
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