समुद्री अपराधों से निपटने के लिए भारत-श्रीलंका की उच्च स्तरीय बैठक


नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)। भारत और श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अपराधों से निपटने के लिए साझा रणनीति पर काम करेंगे। अंतरराष्ट्रीय समुद्री अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सोमवार को दोनों देशों ने अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। इस विषय पर भारत और श्रीलंका के बीच एक महत्वपूर्ण उच्च स्तरीय बैठक हुई है। इस बैठक में मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री यात्राओं पर निकले नाविकों की सुरक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।

भारत और श्रीलंका की यह वार्षिक उच्च स्तरीय बैठक भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) और श्रीलंका तटरक्षक (एसएलसीजी) के बीच सोमवार को कोलंबो में आयोजित की गई। भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक डीजी एस. परमेश के नेतृत्व में एक चार सदस्यीय आईसीजी प्रतिनिधिमंडल इस चर्चा में शामिल हुआ।

वहीं, दूसरी ओर श्रीलंका की ओर से महानिदेशक रियर एडमिरल वाईआर सेरासिंघे के नेतृत्व में एसएलसीजी प्रतिनिधिमंडल ने इस बैठक में भाग लिया। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह उच्च स्तरीय बैठक दोनों तटरक्षकों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कीर्तिमान है।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारत और श्रीलंका के बीच यह 7वीं वार्षिक उच्च स्तरीय बैठक थी। इस वार्षिक उच्च स्तरीय बैठक में दोनों देशों के तटरक्षक बलों ने समुद्री चुनौतियों का सामना करने की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। इसके साथ ही क्षेत्रीय समुद्रिक समकालीन मुद्दों की एक श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित किया गया।

इन मुद्दों में ड्रग तस्करी, समुद्री प्रदूषण, नाविकों की सुरक्षा, सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना, क्षमता निर्माण कार्यक्रम और अन्य सहयोगात्मक व्यवस्थाएं शामिल हैं। इसके परिणामस्वरूप बैठक में इन चुनौतियों का सामना करने में पारस्परिक सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया गया।

दोनों देशों का मानना है कि आपस में सहयोग बढ़ाने से क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा का ढांचा मजबूत हुआ है। उच्च स्तरीय बैठक के विषय में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह वार्षिक बैठक मई 2018 में दोनों समुद्री एजेंसियों के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन में उल्लिखित संस्थागत तंत्र का पालन करती है। बैठक का 8वां संस्करण 2025 में भारतीय तटरक्षक बल द्वारा आयोजित किया जाएगा।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम


Show More
Back to top button