भारत ने कतर के लिए पठानकोट से गुलाब की खुशबू वाली लीची भेजी, पहली खेप रवाना


नई दिल्ली, 27 जून (आईएएनएस)। भारत ने कतर के लिए पठानकोट से गुलाब की खुशबू वाली लीची की पहली खेप रवाना की है। देश के बागवानी निर्यात को विशेष बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने पंजाब सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में बागवानी विभाग के सहयोग से 23 जून को पंजाब के पठानकोट से कतर में दोहा के लिए 1 मीट्रिक टन गुलाब की खुशबू वाली लीची की पहली खेप को रवाना करने में मदद की।

इसके अलावा, पठानकोट से दुबई को भी 0.5 मीट्रिक टन लीची का निर्यात किया गया, जो दोहरी निर्यात उपलब्धि है और ताजे फलों के वैश्विक बाजारों में भारत की उपस्थिति को मजबूत करता है।

यह पहल भारत के बागवानी उत्पादों की उत्कृष्टता को दर्शाती है और देश की बढ़ती कृषि-निर्यात क्षमताओं को उजागर करती है। यह किसानों को उनके ताजे और उच्च मूल्य वाले उत्पादों के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच प्रदान करके अपार अवसर प्रदान करता है।

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पंजाब का लीची उत्पादन 71,490 मीट्रिक टन रहा, जो भारत के कुल लीची उत्पादन में 12.39 प्रतिशत का योगदान देता है।

इसी अवधि के दौरान, भारत ने 639.53 मीट्रिक टन लीची का निर्यात किया। खेती का रकबा 4,327 हेक्टेयर था, जिसकी औसत उपज 16,523 किलोग्राम/हेक्टेयर रही।

लीची की रवाना की गई खेप में प्रीमियम पठानकोट लीची का एक रीफर पैलेट शामिल है, जो इस क्षेत्र के उत्पादकों के लिए एक बड़ा कदम है। प्रभात सिंह जैसे किसानों की सफलता पठानकोट की क्षमता को दर्शाती है, जो गुणवत्तापूर्ण लीची की खेती और निर्यात के लिए एक उभरते हुए केंद्र के रूप में अनुकूल कृषि-जलवायु परिस्थितियों से लाभान्वित है।

वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान भारत का फलों और सब्जियों का निर्यात 3.87 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.67 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। जबकि, आम, केले, अंगूर और संतरे फलों के निर्यात में हावी हैं। वहीं, चेरी, जामुन और लीची अब तेजी से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी जगह बना रहे हैं। ये प्रयास कृषि-निर्यात का दायरा बढ़ाने, किसानों को सशक्त बनाने और भारतीय उपज की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम


Show More
Back to top button