आग की भीषण त्रासदी से प्रभावित अफ्रीकी देश चाड को भारत ने भेजी मानवीय सहायता

आग की भीषण त्रासदी से प्रभावित अफ्रीकी देश चाड को भारत ने भेजी मानवीय सहायता

नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। भारत के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एलान किया है कि अफ्रीकी देश में चाड में लगी भीषण आग के मद्देनजर भारत उसे मानवीय सहायता देना जारी रखेगा।

भारत ने हाल ही में चाड के लिएभीषण आग की आपदा से निपटने के लिए 2300 किलो जरूरी जीवन रक्षक एंटी बॉयोटिक दवाएं और कुछ आम दवाएं भेजी हैं।

विदेश मंत्रालय के सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर चाड को मानवीय सहायता भेजे जाने की जानकारी देते हुए एक पोस्ट में लिखा, “चाड को मानवीय सहायता बढ़ाई जा रही है: भारत- विश्वबंधु, दुनिया का एक मित्र!”

भारत सरकार ने अफ्रीकी देश चाड के लिए यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब चाड की राजधानी एन’जामेना के एक हथियार डिपो में 19 जून को लगी भीषण आग से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इसके अलावा इस आग में कई लोग घायल हुए हैं।

यह आग राजधानी एन’जामेना के उत्तर में स्थित सेना के एक हथियार डिपो में हुए धमाके के बाद लगी, जिससे सेना के पार्क में मौजूद कई लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। हथियार डिपो में हुआ यह धमाका इतना तेज था कि इसकी तेज आवाज से पूरी राजधानी थर्रा गई थी।

भारत और चाड के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। भारत चाड के साथ सद्भावना रखता है।

चाड के प्रधानमंत्री पाहिमी पैडके अल्बर्ट द्वारा 2018 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और सौर शिखर सम्मेलन के संस्थापक सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली का दौरा करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों को और ज्यादा बढ़ावा मिला है।

चाड के साथ भारत का प्रत्यक्ष द्विपक्षीय व्यापार एक छोटे आधार से बढ़ रहा है, जो भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

कोरोना महामारी के दौरान, भारत ने जुलाई 2020 में चाड को आवश्यक दवाओं की छह टन की खेप भेजी थी।

इससे पहले भी, चाड को भारत ने विकास के लिए कई बार सहायता भेजी है। इससे पहले भारत ने 2004 में ही चाड को 5,000 मीट्रिक टन चावल भेजा था।

बता दें, चाड, एक बड़ा रेगिस्तानी देश है, जिसमें सोने और यूरेनियम के बड़े भंडार मौजूद हैं। इसके अलावा यह देश 2003 में एक तेल उत्पादक देश बन गया। हालांकि, इस देश में बुनियादी ढांचे की कमी है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, चाड में लगभग 200 भारतीय और 40 से अधिक भारतीय कंपनियां हैं जो ज्यादातर तेल परियोजनाओं, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और मिशनरियों में काम करती हैं।

-आईएएनएस

पीएसएम/जीकेटी

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