भारत को नेपाल से चीनी उत्पादित बिजली खरीदने पर आपत्ति : पीएम पुष्प कमल दहल

भारत को नेपाल से चीनी उत्पादित बिजली खरीदने पर आपत्ति : पीएम पुष्प कमल दहल

काठमांडू, 10 जनवरी (आईएएनएस)। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल (प्रचंड) ने बुधवार को कहा कि भारत को चीनी ठेकेदारों द्वारा उत्पादित हिमालयी राष्ट्र से बिजली खरीदने पर आपत्ति है।

संसदीय समिति की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि हर कोई नेपाल में निवेश और ऊर्जा उत्पादन करने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन भारत के साथ दीर्घकालिक बिजली व्यापार के तहत, नई दिल्ली को चीनी कंपनियों/ठेकेदारों द्वारा उत्पादित बिजली खरीदने पर आपत्ति है।

पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस. जयशंकर की नेपाल यात्रा के दौरान, दोनों पड़ोसी देशों ने दीर्घकालिक बिजली व्यापार पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिससे काठमांडू के नई दिल्ली को 10,000 मेगावाट बिजली निर्यात करने का रास्ता साफ हुआ था।

उन्होंने बताया कि समझौता 25 वर्षों के लिए वैध है, हर 10 साल में नवीनीकरण के अधीन है। भारत को चीनी सरकारी कंपनियों द्वारा सीधे उत्पादित बिजली पर आपत्ति है। चीन ने हमसे भारत को यह बताने के लिए कहा है कि यह चीनी सरकार के मालिकाना हक वाली कंपनियां नहीं हैं, बल्कि इन्हें विश्व प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से चुना गया था।

प्रचंड ने कहा, “भारत के सीमा पार ऊर्जा व्यापार दिशानिर्देशों के अनुसार, वह नेपाल से केवल भारतीय या नेपाली कंपनियों और निवेश द्वारा उत्पादित बिजली खरीदेगा। भारत के साथ समझौते में केवल भारतीय कंपनियों द्वारा उत्पादित बिजली खरीदने का कोई जिक्र नहीं है।”

हमने भारत से अनुरोध किया है कि वह प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से उत्पादित बिजली को खरीदने पर विचार करे, जो भी उत्पादन करता है।

जैसा कि नेपाल अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करने और पड़ोसी देशों को निर्यात करने के लिए जलविद्युत विकास पर ध्यान केंद्रित करता है। एक नये अध्ययन से पता चला है कि हिमालयी राष्ट्र में 10 प्रमुख नदी-घाटियों और उनके उप-घाटियों में 72000 एमडब्ल्यू से अधिक जलविद्युत का दोहन करने की क्षमता है।

नेपाल के समृद्ध जल संसाधन लंबे समय से ज्ञात हैं क्योंकि देश में लगभग 6,000 नदियां हैं जिनकी कुल लंबाई 45,000 किमी है। एशियाई विकास बैंक के अनुसार, इन नदियों से औसत वार्षिक जल अपवाह लगभग 220 बिलियन क्यूबिक मीटर है।

25 साल के दीर्घकालिक समझौते की शुरुआत तब हुई जब दहल ने 31 मई से 3 जून, 2023 तक भारत का दौरा किया था। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दहल के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान घोषणा की थी कि देश दीर्घकालिक बिजली व्यापार समझौते के तहत नेपाल से 10 वर्षों में 10,000 मेगावाट बिजली खरीदेगा।

पीएम मोदी ने उस समय कहा था कि इस समझौते के तहत हमने आने वाले 10 वर्षों में नेपाल से 10,000 मेगावाट बिजली आयात करने का लक्ष्य रखा है। भारत को बिजली निर्यात करने के अलावा, नेपाल के बिजली क्षेत्र में भारतीय निवेश में तेज वृद्धि हुई है।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

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