भारत सैन्य प्रशिक्षण, शांति स्थापना, क्षमता निर्माण में दूसरे देशों की करेगा मदद


नई दिल्ली, 12 फरवरी (आईएएनएस)। भारत कई मित्र राष्ट्रों की सैन्य प्रशिक्षण, शांति स्थापना और सैन्य क्षमता निर्माण में मदद करेगा। सैन्य चिकित्सा, सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण और सैन्य पाठ्यक्रमों में भी भारत अपना योगदान देगा। इसके लिए बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया 2025 में बुधवार को कई देशों के साथ रक्षा सहयोग पर समझौते किए गए।

एयरो इंडिया 2025 से इतर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बेंगलुरु में जिम्बाब्वे की रक्षा मंत्री ओप्पा मुचिंगुरी काशिरी, यमन के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल मोहसेन मोहम्मद हुसैन अल डेरी, इथियोपिया की रक्षा मंत्री आइशा मोहम्मद, गाम्बिया के रक्षा मंत्री सेरिंग मोदौ एनजी और गैबॉन की रक्षा मंत्री ब्रिगिट ओनकानोवा के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें कीं।

जिम्बाब्वे की रक्षा मंत्री के साथ बैठक में दोनों पक्षों ने मौजूदा द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की समीक्षा की। इस दौरान जिम्बाब्वे के सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण, सैन्य पाठ्यक्रमों और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की गई। दोनों नेताओं ने रक्षा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और भरोसा जताया कि इससे संबंधों में और मजबूती आएगी।

उन्होंने समझौता ज्ञापन को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए रक्षा मंत्रियों के बीच नियमित संपर्क के महत्व को रेखांकित किया। दोनों देशों ने रक्षा परिसंपत्तियों के उत्पादन और रखरखाव के लिए रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग को गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धताओं की पुष्टि की। सैन्य चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग पर भी विचार-विमर्श हुआ।

इथियोपिया की रक्षा मंत्री के साथ बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने बढ़ते द्विपक्षीय रक्षा संबंधों पर संतोष व्यक्त किया। घनिष्ठ और सक्रिय जुड़ाव के महत्व को स्वीकार करते हुए, दोनों मंत्रियों ने मौजूदा संबंधों को संस्थागत बनाने हेतु रक्षा के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

दोनों पक्षों ने इथियोपिया के सशस्त्र बलों के सैन्य प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम, शांति स्थापना और क्षमता निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर विचार किया। बैठक के दौरान रक्षा उद्योग सहयोग को और मजबूत करने के लिए भी चर्चा हुई।

यमन के रक्षा मंत्री के साथ बैठक में रक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर फोकस किया गया। इसे और आगे बढ़ाने के लिए दोनों नेताओं ने यमन के सशस्त्र बलों के सैन्य प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में साझेदारी के लिए चर्चा की। इस बैठक ने भारत और यमन के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूती प्रदान करने के लिए प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन दिया।

गाम्बिया के रक्षा मंत्री के साथ बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने रक्षा क्षेत्र में मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों नेताओं ने क्षमता निर्माण, दक्षता में सुधार और दोनों पक्षों के पारस्परिक लाभ के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए सहयोग बढ़ाने की अपनी इच्छाओं की फिर पुष्टि की।

वहीं, गैबॉन की रक्षा मंत्री के साथ राजनाथ सिंह की बैठक में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग से संबंधित मामलों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने सहयोग को और गहरा करने का संकल्प लिया तथा सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण और क्षमता वृद्धि से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर अपनी चर्चा केंद्रित की। दोनों पक्षों ने रक्षा उद्योग के क्षेत्र में सहयोग की संभावना पर भी विचार किया।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम/एकेजे


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