भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था, जलवायु कार्रवाई पर वैश्विक प्रयासों का कर रहा नेतृत्व : भूपेंद्र यादव


नई दिल्ली, 2 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है और जलवायु कार्रवाई पर वैश्विक प्रयासों का भी नेतृत्व कर रहा है।

सीआईआई-आईटीसी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा आयोजित 20वें ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी समिट में केंद्रीय मंत्री यादव ने मजबूत, रिजेनेरेटिव और उत्तरदायी विकास की दिशा में भारत की यात्रा का वर्णन किया।

उन्होंने कहा, “भारत एकमात्र ऐसा देश है, जिसने लक्षित योजना कार्यान्वयन, इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश, स्थानीय प्रतिबद्धता और बहुपक्षीय प्रतिबद्धताओं पर ठोस उपलब्धियों के माध्यम से नीतिगत परिदृश्य में सस्टेनेबल ग्रोथ को सफलतापूर्वक अपनाया है।”

केंद्रीय मंत्री यादव ने इस बात पर जोर दिया कि भारत का विकास मॉडल आर्थिक प्रगति और पारिस्थितिक संरक्षण के बीच संतुलन बनाने में गहराई से निहित है।

उन्होंने कहा, “सस्टेनेबिलिटी को केवल एक लक्ष्य या उद्देश्य नहीं माना जाना चाहिए। मेरा मानना ​​है कि यह एक जीवनशैली विकल्प है। साथ ही, मजबूत, रिजेनेरेटिव और जिम्मेदार बनने की एक उभरती हुई प्रतिबद्धता है।”

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मौजूदा वैश्विक व्यापार तनाव, नीतिगत अनिश्चितताएं, भू-राजनीतिक संघर्ष और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं द्वारा वैश्विक वित्तीय निवेश में बाधाएं मिलकर एक नाजुक वातावरण का निर्माण करती हैं।

उन्होंने सभी देशों से आह्वान करते हुए कहा कि वे अर्थव्यवस्था-व्यापी समाधानों को अपनाकर सस्टेनेबिलिटी को विकास का आधार बनाएं, जिसमें सर्कुलर इकोनॉमी मॉडल, नेचर-पॉजिटिव एक्शन, ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग और जिम्मेदाराना व्यवहारों के लिए परिवर्तन को बढ़ावा देना शामिल हो।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, मंत्रालय ने हाल ही में एक सस्टेनेबल फ्यूचर के निर्माण के उद्देश्य से अत्यंत महत्वपूर्ण नोटिफिकेशन जारी किए हैं।

उन्होंने बताया कि 29 अगस्त 2025 को भारत सरकार ने एनवायरमेंट ऑडिट नियम, 2025 को अधिसूचित किया, जो पूरे देश में एनवायरमेंटल ऑडिटिंग के लिए एक फॉर्मल फ्रेमवर्क तैयार करता है। ये नियम ऑडिटर्स की एक द्वि-स्तरीय प्रणाली स्थापित करते हैं और इस प्रक्रिया की पारदर्शी निगरानी के लिए एक समर्पित एजेंसी की स्थापना करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भारत उन अग्रणी देशों में से एक है, जिन्होंने विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर) का एक मजबूत फ्रेमवर्क स्थापित किया है, जो पर्यावरणीय रूप से स्थायी तरीके से अंतिम उत्पादों का निपटान सुनिश्चित करता है।

वन क्षेत्र के विस्तार, ‘मिशन लाइफ’, ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसे इनोवेटिव अभियानों की शुरुआत, कार्बन सिंक को बढ़ाने और सर्कुलर इकोनॉमी प्रथाओं को आगे बढ़ाने में भारत की प्रगति की ओर इशारा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमारी स्थायी आर्थिक प्रगति मजबूती, रिजेनेरेशन और उत्तरदायित्व पर आधारित है, ऐसे मूल्य जिन्हें दुनिया को अब सस्टेनेबल ग्रोथ की नींव के रूप में अपनाना चाहिए”।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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