नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)। दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की लहर है। भारत भी एआई को अपनाने की दौड़ में शामिल है। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत एआई अपनाने में सबसे आगे है। देश की 30 प्रतिशत कंपनियों ने एआई की मूल्य क्षमता को बढ़ाने में योगदान दिया है, जो वैश्विक औसत 26 प्रतिशत से अधिक है।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की रिपोर्ट से पता चला है कि भारतीय कंपनियां कम और उच्च-प्रभाव वाली एआई पहलों को प्राथमिकता देती हैं।
ये कंपनियां इन प्रयासों को दूसरों की तुलना में 1.7 गुना अधिक प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाती हैं। इन कंपनियों ने वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में निवेश पर 2.1 गुना रिटर्न (रिटर्न ऑन इंवेस्टमेंट) हासिल किया।
सौ प्रतिशत कंपनियों द्वारा एआई के साथ सक्रिय रूप से प्रयोग करने के साथ, भारत एआई की क्षमता का इस्तेमाल करने में सभी से आगे है।
यह रिपोर्ट एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका के 59 देशों में फैले 20 से अधिक क्षेत्रों के 1,000 सीएक्सओ और वरिष्ठ अधिकारियों के सर्वेक्षण पर आधारित है, जो कि दस प्रमुख उद्योगों को कवर करती है।
रिपोर्ट से पता चला है कि इंडस्ट्री में एआई प्रोग्राम के निरंतर विस्तार के बावजूद केवल 26 प्रतिशत कंपनियां ही एआई की क्षमताओं के साथ कुछ बेहतर करने को लेकर वैश्विक स्तर पर डेवलप हो पाई हैं।
बीसीजी के इंडिया लीडर, टेक्नोलॉजी एंड डिजिटल एडवांटेज प्रैक्टिस, सैबल चक्रवर्ती ने कहा, “भारत द्वारा एआई को तेजी से अपनाना वैश्विक स्तर पर इसकी प्रतिस्पर्धात्मकता को फिर से परिभाषित कर रहा है, जिसमें 30 प्रतिशत भारतीय कंपनियों ने एआई की मूल्य क्षमता को अधिकतम किया है, जो वैश्विक औसत 26 प्रतिशत से अधिक है।”
चक्रवर्ती ने कहा, “भारत के एआई लीडर्स की परिपक्वता पारंपरिक और डिजिटल दोनों क्षेत्रों में फैली हुई है। यह ब्रॉड-बेस्ड अडॉप्शन अपनाने का संकेत देता है जो सामान्य टेक-ड्रिवन इंडस्ट्री से हटकर वैल्यू को बढ़ाता है।”
चक्रवर्ती ने कहा, “भारत के एआई लीडर्स उत्पादकता से आगे बढ़कर नए व्यापार मॉडल का आविष्कार और पुनर्निर्माण कर रहे हैं, इसलिए भारत न केवल एआई को अपनाने में बल्कि पर्याप्त और सोच-समझकर कदम उठाने में भी अग्रणी होने के लिए तैयार है।”
–आईएएनएस
एसकेटी/एबीएम