भारत अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की राह पर, पिछले पांच वर्षों में कई गुना बढ़ा उद्योग : एक्सपर्ट

नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस) । विशेषज्ञों ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर अंतरिक्ष क्षेत्र पर दिए गए भाषण की सराहना करते हुए कहा कि भारत जल्द ही अंतरिक्ष महाशक्ति बनने वाला है और पिछले पांच वर्षों में उद्योग कई गुना बढ़ा है।
लाल किले से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश को अपने अंतरिक्ष क्षेत्र पर गर्व है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहा है।
गगनयान, चंद्रयान और मंगलयान जैसे कई अंतरिक्ष अभियानों का हवाला देते हुए, अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. पी. के. घोष ने आईएएनएस से कहा, “मुझे लगता है कि इन सभी परियोजनाओं के साथ हम अंतरिक्ष महाशक्ति बनने के बहुत करीब हैं।”
घोष ने अंतरिक्ष क्षेत्र की सराहना करने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की, जिसने अपने दम पर कई तकनीकें और क्षमताएं हासिल की हैं।
उन्होंने कहा कि क्रायोजेनिक इंजन तकनीक इसका एक उदाहरण है। दूसरा उदाहरण गगनयान मिशन है, जो कि भारत का प्रमुख मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है और जिसकी वर्तमान में तैयारियां चल रही हैं।
गौरतलब है कि ये अंतरिक्ष उपलब्धियां किफायती बजट में हासिल की गई हैं और इनके अच्छे परिणाम भी मिले हैं।
घोष ने आईएएनएस को बताया कि अब अन्य देश हमारे साथ सहयोग करना चाहते हैं। उन्होंने हाल ही में नासा के सहयोग से किए गए निसार मिशन और जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जाक्सा के साथ-साथ अन्य देशों के साथ होने वाले अन्य आगामी मिशनों का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) बनाने की योजना का भी जिक्र किया और अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की जरूरत पर जोर दिया।
घोष ने कहा, “बीएएस, जो 2030 के बाद आएगा, एक बड़ा कदम होगा। मुझे लगता है कि हमारे 1.4 अरब लोगों में से प्रत्येक को इस पर बहुत गर्व होना चाहिए। वर्तमान में, हमारे पास अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और चीनी तियांगोंग है।”
अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने देश में 300 अंतरिक्ष स्टार्टअप्स का हवाला देते हुए कहा, “हमारे युवा अंतरिक्ष क्षेत्र में शामिल होने के लिए वास्तव में प्रेरित हुए हैं।”
भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए) के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. भट्ट (सेवानिवृत्त) ने 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी उद्योग के लिए खोलने की सरकार की नीति की सराहना की। उन्होंने देश में अंतरिक्ष स्टार्टअप्स में आई तेजी का श्रेय इसी नीति को दिया।
भट्ट ने कहा, “भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को लेकर हमारे माननीय प्रधानमंत्री की दूरदर्शी योजना सचमुच एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हुई है। अंतरिक्ष नीति जैसे प्रगतिशील सुधारों, उदार एफडीआई प्रोत्साहन और मजबूत सरकारी समर्थन के बल पर, यह उद्योग केवल पांच वर्षों में कई गुना बढ़ गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “अंतरिक्ष स्टार्टअप्स में तेजी और उनकी उपलब्धियां हमारे युवाओं में इनोवेशन और महत्वाकांक्षा की अभूतपूर्व लहर को दर्शाती हैं। इस गति के साथ, हमें 2033 तक 44 अरब डॉलर की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने और दुनिया के अग्रणी अंतरिक्ष यात्री देशों में भारत की स्थिति को मजबूत करने का पूरा विश्वास है। यह केवल विकास नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीय आंदोलन है जो हर भारतीय को ऊंचे लक्ष्य रखने और ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करता है।”
–आईएएनएस
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