नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने गुरुवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को निवेश और विनिर्माण की दिशा में संतुलित करने के लिए भारत के कॉर्पोरेट क्षेत्र को अधिक निवेश करने की जरूरत है।
शीर्ष बिजनेस चैंबर सीआईआई के ग्लोबल इकोनॉमिक पॉलिसी फोरम 2023 में उन्होंने कहा : “वित्तीय क्षेत्र और कॉर्पोरेट्स दोनों में बैलेंस शीट को बड़े पैमाने पर दुरुस्त किया गया है। निजी गैर-वित्तीय कंपनियों या कॉरपोरेट्स की सकल बचत पिछले आठ वर्षों में दोगुनी हो गई है।”
उनका संदेश स्पष्ट था कि कॉर्पोरेट्स को फंड पर बैठे रहने के बजाय निवेश करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “निवेश शुरू करने से पहले मांग पैदा होने का इंतजार करने से ऐसी मांग की स्थिति उत्पन्न होने में देरी होगी।”
उन्होंने कहा, “निवेश से रोजगार, आय सृजन, उपभोग और बचत को निवेश में पुनर्चक्रित किया जाता है, इसलिए जितना अधिक कॉर्पोरेट क्षेत्र अपने निवेश में देरी करेगा, रोजगार सृजन, आय वृद्धि और अधिक बचत के लिए उपभोग वृद्धि का पुण्य चक्र साकार नहीं होगा।”
जैसे हालात हैं, निजी निवेश अपने महामारी-पूर्व के स्तर पर वापस नहीं आया है।
रोजगार सृजन में कमी रही है, जबकि निवेश बुनियादी ढांचे और उपभोक्ता क्षेत्रों तक ही सीमित रहा है। यहां तक कि खपत में सुधार भी असमान रहा है क्योंकि ग्रामीण मांग पिछड़ रही है।
नागेश्वरन ने कहा, “यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि पुनर्संतुलन हो, जैसा कि सहस्राब्दी के पहले दशक में हुआ था, संसाधन उपलब्ध कराने के मामले में गैर-वित्तीय निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र और वित्तीय क्षेत्र के बीच साझा किया जाना है।”
उन्होंने कहा, “पूंजी बाजार या वित्तीय संस्थानों के वित्तीय संसाधनों पर निर्भर हुए बिना भी कॉर्पोरेट क्षेत्र के पास इन निवेशों को करने और पुनर्संतुलन करने में सक्षम होने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं।”
वैश्विक मंदी और मध्य पूर्व और यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के कारण उत्पन्न आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच निवेश में मंदी आई है।
–आईएएनएस
एसजीके