भारत ने की बिम्सटेक देशों के वरिष्ठ कैंसर चिकित्सकों और नीति निर्माताओं की मेजबानी

भारत ने की बिम्सटेक देशों के वरिष्ठ कैंसर चिकित्सकों और नीति निर्माताओं की मेजबानी

मुंबई, 13 नवंबर (आईएएनएस)। क्षेत्रीय स्वास्थ्य सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारत ने पिछले सप्ताह मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में आयोजित राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (एनसीजी) की वार्षिक बैठक के दौरान बिम्सटेक देशों के वरिष्ठ कैंसर चिकित्सकों और नीति निर्माताओं की मेजबानी की।

एनसीजी भारत और 15 अन्य देशों में 360 से अधिक कैंसर केंद्रों, शोध संस्थानों, रोगी समूहों और पेशेवर समाजों का एक सहयोगी नेटवर्क है। यह पहल बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) समूह के सदस्य देशों के बीच स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम है।

बैठक में प्रतिभागियों को एनसीजी गतिविधियों से परिचित कराया गया, जिससे कैंसर नियंत्रण में प्रत्यक्ष भागीदारी और भविष्य के सहयोग के लिए आधार तैयार करने में मदद मिली।

बैठक का मुख्य फोकस वर्चुअल ट्यूमर बोर्ड, कैंसर देखभाल सहायता के लिए कार्यबल विकास, कैंसर रजिस्ट्री और कैंसर केंद्रों को जोड़ने जैसी पहलों पर विचार-विमर्श सत्रों के माध्यम से विचारों का आदान-प्रदान करना था, ताकि दीर्घकालिक सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ”यह पहल स्वास्थ्य क्षेत्र में बिम्सटेक सहयोग को बढ़ावा देगी, जिससे पूरे क्षेत्र में कैंसर नियंत्रण प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा और बिम्सटेक साझेदारी मजबूत होगी।

इस कार्यक्रम में 14 देशों के 27 अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने हिस्सा लिया, जो अक्टूबर 2024 में 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित 10-सूत्री एजेंडे को चिह्नित करता है।

इस सभा में विदेश मंत्रालय के समर्थन से तीन बिम्सटेक देशों के पांच वरिष्ठ कैंसर चिकित्सक और नीति निर्माता भी शामिल हुए। चर्चाओं में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि आसियान और बिम्सटेक प्रतिनिधि क्षेत्र में कैंसर नियंत्रण प्रयासों का सहयोगात्मक रूप से समर्थन कैसे कर सकते हैं।

1997 में स्थापित, बिम्सटेक अपने मूल चार सदस्य देशों – बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड के बाद अब म्यांमार, भूटान और नेपाल को भी शामिल कर चुका है, जो स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न मुद्दों पर क्षेत्रीय सहयोग का समर्थन करते हैं।

-आईएएनएस

एमकेएस/जीकेटी

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