पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत एक 'सौर महाशक्ति' बन गया है : साइमन स्टील
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नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत प्रयासरत है, वहीं जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के कार्यकारी सचिव साइमन स्टील के अनुसार, भारत पहले ही एक ‘सौर महाशक्ति’ बन चुका है।
शनिवार को राजधानी में एक मीडिया कार्यक्रम में बोलते हुए, स्टील ने कहा कि जहां कुछ सरकारें बात करती हैं वहीं, भारत सस्टेनेबल ग्रोथ और एनर्जी सिक्योरिटी को प्राथमिकता देते हुए कार्रवाई करता है।
पीएम मोदी के नेतृत्व में, भारत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक ग्लोबल लीडर बन गया है।
स्टील ने ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट 2025 में क्लीन एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने की भारत की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर प्रकाश डाला।
स्टील ने कहा, “जलवायु परिवर्तन से निपटने के दौरान ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी के नेतृत्व में, भारत क्लीन एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार कर रहा है, कार्बन तीव्रता में कटौती कर रहा है और हरित अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि नेट जीरो एमिशन पाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता वैश्विक लक्ष्यों के अनुरूप है, जो सस्टेनेबिलिटी के प्रति भारत के समर्पण को प्रदर्शित करती है।
संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष कार्यकारी ने कहा, “जैसे-जैसे वैश्विक जलवायु कार्रवाई तेज होती जा रही है, भारत सस्टेनेबिलिटी, क्लीन टेक्नोलॉजी और क्लाइमेट फाइनेंस में मजबूत बन रहा है और खुद को भविष्य के क्लीन एनर्जी सुपरपावर के रूप में स्थापित कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि ग्लोबल क्लीन एनर्जी बूम को और भी मजबूती से अपनाने से भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
संयुक्त राष्ट्र के जलवायु प्रमुख ने भारत से अपनी संपूर्ण अर्थव्यवस्था को कवर करने वाली एक महत्वाकांक्षी जलवायु योजना विकसित करने का भी आग्रह किया।
देश ने पहले ही 100 गीगावाट स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता को पार करके एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है, जिससे रिन्यूवेबल एनर्जी में ग्लोबल लीडर के रूप में देश की स्थिति मजबूत हुई है।
31 जनवरी तक, भारत की कुल स्थापित सौर क्षमता 100.33 गीगावाट है, जिसमें 84.10 गीगावाट कार्यान्वयन के अधीन है और अतिरिक्त 47.49 गीगावाट टेंडरिंग के अधीन है।
पिछले 10 वर्षों में भारत की ऊर्जा यात्रा ऐतिहासिक और प्रेरणादायक रही है। सौर पैनल, सौर पार्क और छत पर सौर परियोजनाओं जैसी पहलों ने क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं।
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना छत पर सौर ऊर्जा को एक घरेलू वास्तविकता बना रही है और यह स्थायी ऊर्जा में एक गेम-चेंजर है, जो हर घर को क्लीन एनर्जी से सशक्त बनाती है।
2024 में लॉन्च की गई यह योजना 9 लाख छत पर सौर ऊर्जा प्रतिष्ठानों के करीब है, जिससे देश भर के घरों में स्वच्छ ऊर्जा समाधान अपनाने में मदद मिलेगी।
देश के सौर ऊर्जा क्षेत्र में पिछले दशक में क्षमता में 3,450 प्रतिशत की शानदार वृद्धि देखी गई है, जो 2014 में 2.82 गीगावाट से बढ़कर 2025 में 100 गीगावाट हो गई है।
–आईएएनएस
एसकेटी/एबीएम