भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को गति देने के लिए प्रतिबद्ध : पीयूष गोयल


नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को गति देने के लिए भारत की साझा प्रतिबद्धता दोहराई।

इटली की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान इटली-इंडिया बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 35 दिनों से भी कम समय में उन्होंने अपने मित्र, यूरोपीय व्यापार एवं आर्थिक सुरक्षा आयुक्त मारोस शेफकोविक के साथ तीन बैठकें की हैं।

उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, “यह भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को गति देने के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इस वर्ष के अंत तक भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को गति देने पर सहमति जताई है।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि उन्हें इटली के उप प्रधानमंत्री तथा विदेश मामलों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्री एंटोनियो तजानी के साथ इटली-इंडिया बिजनेस फोरम पर बात कर खुशी हुई।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “हमारा ध्यान इटली-भारत संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना 2025-2029 को साकार करने पर है। आईएमईसी कॉरिडोर और भारत-ईयू एफटीए की परिवर्तनकारी क्षमता को रेखांकित किया। साथ ही, इटली के उद्यमों को भारत की ग्रोथ स्टोरी में शामिल होने का निमंत्रण दिया।”

उन्होंने स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग के लिए ‘इंडस्ट्री 4.0’ के लिए एक साथ काम करने, स्टार्टअप के बीच एक ब्रिज को बढ़ावा देने, टेक्नोलॉजी में सहयोग का विस्तार करने और अंतरिक्ष, ऑटोमोबाइल सेक्टर में जॉइंट वर्किंग ग्रुप की स्थापना करने पर चर्चा की और सहमति व्यक्त की।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, “आर्थिक सहयोग पर संयुक्त आयोग में, भारत और इटली ने सहयोग को मजबूत करने के लिए कई सेक्टर की पहचान की है। इसमें कृषि पर एक समझौता ज्ञापन भी शामिल है।”

भारत और इटली ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे के माध्यम से व्यापार, संयुक्त उद्यमों और कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर मजबूत ध्यान देने के साथ आर्थिक संबंधों को गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में, तजानी ने कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा द्वारा पेश की गई क्षमता के माध्यम से भारत-ईयू व्यापार को बढ़ावा देने की बहुत बड़ी गुंजाइश है।

–आईएएनएस

एसकेटी/जीकेटी


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