लखनऊ, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक युवती से धर्म छिपाकर शादी करने और गर्भपात कराने के मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ता ताबिश असगर को पार्टी से निष्कासित कर दिया। साथ ही पांच अन्य कार्यकर्ताओं को भी पार्टी से निकाल दिया गया। इस पर समाजवादी पार्टी नेता अमीक जमेई ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा को ताबिश असगर को माला पहनानी चाहिए।
अमीक जमेई ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “भारतीय जनता पार्टी तो बलात्कारियों की पार्टी बन गई है। इन्हें सत्ता में नहीं रहना चाहिए था। जो इनके नेता हैं, उनके फोटो फ्रेम कर के भाजपा के कार्यालय में लगानी चाहिए और माला पहनानी चाहिए। उत्तर प्रदेश में जिस तरह से हर दिन बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही हैं, वह बहुत चिंताजनक है। अखिलेश यादव ने कई बार कहा कि हाथरस की पीड़िता के परिवार को मदद का वादा किया गया था, लेकिन वह पूरा नहीं हुआ। वह पीड़िता दलित थी, इसलिए उसकी मदद नहीं की गई। लेकिन बहराइच में एक दंगाई की मदद की गई, परिवार को बुला लिया गया। हम चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश में ऐसा माहौल बने कि कोई भी महिला रात के सात बजे के बाद भी बिना किसी डर के बाहर निकल सके, लेकिन अभी ऐसा माहौल नहीं है।”
इसके बाद शंभू बॉर्डर पर किसानों के पानी की बौछार करने पर उन्होंने कहा, “किसान गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। इस बार पूरा देश उनके साथ है। सर्वोच्च न्यायालय भी उनके साथ खड़ा है। हमारे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भारतीय जनता पार्टी की ब्रांडिंग कर रहे हैं कि वे किसानों के नेता हैं, किसान के बेटे हैं, लेकिन जो लोग आंदोलन कर रहे हैं, वे किसके बेटे हैं? भारतीय जनता पार्टी तो उन्हें खालिस्तानी कहती है। अगर इस देश में किसान परेशान रहेगा, तो हमारा देश कभी खुशहाल नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री मोदी से हमने संसद में पूछा था कि जो वादा प्रधानमंत्री ने किया था, क्या वह वादा पूरा होगा? जब आंदोलन खत्म कराया था, तो उन्होंने कहा था कि एमएसपी पर गारंटी का कानून बनेगा। तो क्या अगले कुछ दिनों में वह कानून आएगा?”
इसके बाद, उन्होंने केंद्र में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा संसद में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर दिए बयान पर कहा, “किरेन रिजिजू का क्या काम है? क्या किरेन रिजिजू यह बता सकते हैं कि असम में जहां उनकी सरकार है, वहां हिंदू माइनॉरिटी बांग्लादेश से शरण लेने के लिए खड़े हुए हैं और उन्होंने कहा था कि सीएए इसलिए लागू किया जा रहा है ताकि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों में भारत उनकी मदद करेगा। तो जब असम में हिंदू परिवार भारत की सीमा पर खड़े हैं, तो अब सीएए का क्या हुआ? असम के मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय ने यह साफ किया है कि हम भारत की सीमा में उन्हें नहीं आने देंगे।”
उन्होंने कहा, “रोजाना भारत के पुलिसकर्मी रोहिंग्या को उजाड़ने का काम करते हैं। दिल्ली की सीमाओं पर उन्हें परेशान करते हैं, लेकिन क्या यही भारत की संस्कृति है? क्या यही दुनिया को दिखाना चाहिए कि हम अल्पसंख्यकों और शरणार्थियों के साथ कैसा व्यवहार कर रहे हैं?”
संभल हिंसा पर उन्होंने कहा, “जिस पुलिस को बलात्कारियों और अपराधियों का कोई सुराग नहीं मिलता, वही पुलिस मंदिरों को ढूंढने में लगी रहती है। यह गंभीर मामला है। जब एनसीआरबी के डेटा से देश की बदनामी होती है, तो इन भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों को पता है कि कैसे मुख्यमंत्री को खुश करना है। ये अधिकारी जानते हैं कि कैसे मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई कर दो तो मुख्यमंत्री खुश हो जाएंगे। यह गंभीर विषय है। हम भारतीय जनता पार्टी के लोगों से कहेंगे कि पुरातन मंदिरों को ढूंढने की बजाय, वे उन 28 हजार बच्चों के लिए कुछ करें जो शिक्षा से वंचित हो रहे हैं क्योंकि सरकार स्कूल बंद कर रही है।”
–आईएएनएस
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