दिल्ली में 14वें एशियाई मत्स्य पालन फोरम का उद्घाटन, टिकाऊ विकास पर जोर
नई दिल्ली, 12 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने दिल्ली के पूसा स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर में 14वें एशियाई मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि फोरम का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम 15 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें टिकाऊ मत्स्य पालन के भविष्य पर चर्चा होगी।
मंत्री ललन सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम की मेजबानी करना भारत के लिए गर्व की बात है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और जलीय जीवों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ब्लू इकोनॉमी को मजबूती देना हमारी जिम्मेदारी है और इसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर विचार किया जा रहा है। जलवायु परिवर्तन, आवास संरक्षण और जल संसाधनों के सतत उपयोग से जुड़ी चुनौतियों पर भी चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि मत्स्य उत्पादन को पर्यावरण के अनुकूल बनाना जरूरी है ताकि पारिस्थितिकी तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े। जल संरक्षण के दीर्घकालिक उपायों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है और इसके लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।
उन्होंने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में कई देश समान परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, ऐसे में टिकाऊ मत्स्य पालन के लिए साझा प्रयासों की जरूरत है। भारत के तटीय इलाकों और नदियों, झीलों के व्यापक नेटवर्क को ध्यान में रखते हुए हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध रहना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों को लेकर बेहद सतर्क रहते हैं और कोई भी निर्णय सोच-समझकर लेते हैं।
मंत्री ने कहा कि भारत आज विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश बन चुका है। मत्स्य उत्पादन अब 175 लाख टन तक पहुंच चुका है। यह उपलब्धि मत्स्यपालन क्षेत्र में सरकार की नीतियों और प्रयासों का परिणाम है। इस सम्मेलन में विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं के साथ इन सभी विषयों पर विस्तार से विचार किया जाएगा।
–आईएएनएस
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