अमेरिका में फेंटेनाइल दवा से बच्चों के जहर खाने की घटनाएं बढ़ीं, 44.6 प्रतिशत मामले जानलेवा : अध्ययन

न्यूयॉर्क, 9 मार्च (आईएएनएस)। एक नए अध्ययन से पता चला है कि अमेरिका में बच्चों में सिंथेटिक ओपिओइड फेंटेनाइल के कारण विषाक्तता की घटनाएं बढ़ गई हैं और अधिक गंभीर हो गई हैं।
इस शोध में 2015 से 2023 तक 49 अमेरिकी प्रांतों में विष केंद्रों पर रिपोर्ट किए गए गैर-घातक फेंटेनाइल बाल चिकित्सा (0-19 वर्ष की आयु) के जोखिम का विश्लेषण किया गया। कुल मिलाकर, आठ साल की अवधि में लगभग 3,009 मामलों का विस्तृत विवरण दिया गया है।
साल 2023 में 44.6 प्रतिशत घातक घटनाएं थीं, जिनमें अत्यधिक नुकसान हुआ था और उपचार न किए जाने पर मृत्यु भी हो सकती थी। ‘द अमेरिकन जर्नल ऑफ ड्रग एंड अल्कोहल एब्यूज’ में प्रकाशित समकक्ष समीक्षा निष्कर्षों के अनुसार, साल 2015 में इन गंभीर मामलों में 15.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
आंकड़ों के अनुसार, 12 वर्ष तक की आयु के अधिकांश (81.7 प्रतिशत) मरीज अनजाने में फेंटेनाइल के संपर्क में आए थे। वहीं, 13-19 वर्ष की आयु के अधिकांश मरीजों (65.7 प्रतिशत) ने गैर-चिकित्सा उद्देश्यों के लिए जानबूझकर फेंटेनाइल का इस्तेमाल किया था।
अधिकांश घटनाएं (1,771) 13-19 वर्ष की आयु के युवाओं (58.9 प्रतिशत) में हुईं, जबकि 0-12 वर्ष की आयु के बच्चों से संबंधित 1,238 मामले (41.1 प्रतिशत) थे। दोनों आयु वर्ग मिलाकर पुरुषों की हिस्सेदारी 58.5 प्रतिशत (1,754) और महिलाओं की हिस्सेदारी 41.5 प्रतिशत (1,244) थी।
साल 2021 से, प्रति वर्ष 70 हजार से अधिक सिंथेटिक ओपिओइड से संबंधित मौतें हुई हैं; हालांकि नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि ऐसी मौतें कम हो रही हैं।
यह समझा जाता है कि किशोरों के बीच प्रिस्क्रिप्शन गोलियों का एक बड़ा स्रोत दोस्त होते हैं, सोशल मीडिया का भी आमतौर पर अजनबियों से दवा खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अध्ययन में पाया गया कि फार्मेसी से सीधे नहीं खरीदी गई कई दवाओं में फेंटेनाइल की मिलावट हो सकती है।
विशेषज्ञ दल ने पाया कि “गैर-घातक ओवरडोज और बाल चिकित्सा आबादी पर पड़ने वाले प्रभाव पर ध्यान न दिए जाने” के कारण पिछले आठ साल में जोखिम में वृद्धि हुई है। बारह वर्ष तक की आयु के बच्चों में 924.3 प्रतिशत वृद्धि हुई। वहीं, 13 से 19 वर्ष के बच्चों में 1,506 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
न्यूयॉर्क स्थित एनवाईयू ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के जनसंख्या स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख और शोध के लेखक डॉ. जोसेफ पालमार ने कहा कि शोध के नतीजे “बढ़ी हुई रोकथाम, उपचार और हानि में कमी” की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।
डॉ. पालमार ने समझाया, “हम यह नहीं भूल सकते कि इस ओपिओइड संकट के दौरान बच्चे भी जोखिम में हैं। माता-पिता को पता होना चाहिए कि किशोर ऐप के माध्यम से ऐसी गोलियां खरीद सकते हैं जिन्हें एडरॉल या जैनैक्स के रूप में बेचा जाता है। वास्तव में उनमें फेंटेनाइल होता है। माता-पिता और अन्य लोगों को भी सावधान रहने की जरूरत है कि वे फेंटेनाइल को, चाहे वैध हो या अवैध, बिना निगरानी वाले बच्चों के आस-पास न छोड़ें।”
–आईएएनएस
एकेएस/एकेजे