एकेटीयू के दीक्षांत समारोह में 55 हजार से ज्यादा छात्रों को मिली उपाधि, राज्यपाल बोलीं- शिक्षा जिम्मेदारी का दीपक है


लखनऊ, 9 सितंबर (आईएएनएस)। डॉ.एपीजे.अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय का 23वां दीक्षांत समारोह मंगलवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। समारोह में राज्यपाल ने कुल 55,634 छात्र-छात्राओं को उपाधियां और 88 मेधावी विद्यार्थियों को पदक प्रदान किए। इनमें 35 स्वर्ण, 26 रजत और 25 कांस्य पदक शामिल रहे। सभी उपाधियों को ब्लॉकचेन आधारित डिजिलॉकर में शामिल कर तकनीकी युग की दिशा में एक नई पहल की गई।

उन्होंने बताया कि उपाधियां वितरित की गई हैं, जिनमें 70 प्रतिशत छात्र और 30 प्रतिशत छात्राएं हैं। लंबे समय के बाद छात्रों की संख्या छात्राओं से अधिक होना यह इंगित करता है कि तकनीकी क्षेत्र में छात्राओं की भागीदारी अपेक्षाकृत कम है। उन्होंने छात्राओं से विशेष रूप से अपील की कि वह भी विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में आगे आएं और अपनी प्रतिभा से देश का नाम रोशन करें।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि दीक्षांत समारोह किसी भी विश्वविद्यालय की शैक्षणिक यात्रा का स्वर्णिम पड़ाव होता है। शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का दीपक है जो जीवन को आलोकित कर राष्ट्र को रोशन करता है। स्नातक उपाधि व्यक्तिगत सफलता का प्रतीक भर नहीं, बल्कि समाज और देश के लिए आशा का संदेशवाहक होती है।

विद्यार्थियों से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपने अर्जित ज्ञान का उपयोग राष्ट्रहित में करें और भारत की गरिमा को वैश्विक मंच पर और प्रखर बनाएं। राज्यपाल ने तकनीकी क्षेत्र में छात्राओं की भागीदारी अपेक्षाकृत कम होने पर चिंता व्यक्त की और उनसे विशेष रूप से आगे आने की अपील की।

उन्होंने कहा कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में छात्राओं का योगदान बढ़ेगा तो देश और भी तेजी से प्रगति करेगा। आज का युग विज्ञान और प्रौद्योगिकी का है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स, अंतरिक्ष अनुसंधान और बायोटेक्नोलॉजी ने नए अवसर खोले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत का संकल्प नवाचार और उद्यमिता से जुड़कर साकार हो रहा है। स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया, अटल इनोवेशन मिशन और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं ने युवाओं को अपने विचारों को उपलब्धि में बदलने का अवसर दिया है।

राज्यपाल ने बताया कि विश्वविद्यालय में एआईसीटीई आइडिया लैब और प्रदेश की पहली इन्फोसिस लैब की स्थापना विद्यार्थियों की प्रतिभा को प्रोटोटाइप में बदलने का माध्यम बनी है। मात्र तीन वर्षों में यूपी स्टार्टअप नीति के अंतर्गत 15 इनक्यूबेशन सेंटरों पर 460 से अधिक स्टार्टअप ऑनबोर्ड होना विश्वविद्यालय की नवोन्मेषी सोच का प्रमाण है।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने 100 करोड़ रुपये की इनोवेशन निधि का गठन किया है, दो क्रेडिट कोर्स प्रारंभ किए हैं और 500 पेटेंट फाइल करने की योजना बनाई है। उन्होंने परीक्षा व्यवस्था में डिजिटल क्रांति का जिक्र करते हुए कहा कि ऑनलाइन प्रश्नपत्र डिलीवरी से प्रतिवर्ष 70 लाख रुपए की बचत हो रही है और साथ ही पारदर्शिता और पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित हुआ है।

केंद्र सरकार के बजट 2025-26 का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आगामी पांच वर्षों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स सरकारी स्कूलों में स्थापित की जाएंगी, जिससे बच्चों की रचनात्मकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बल मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाशाली बच्चों को अवसर और संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में विशेष प्रयास किए जाने की भी जरूरत है।

उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उनकी सफलता के पीछे माता-पिता का सबसे बड़ा योगदान होता है। इसलिए वे अपनी उपलब्धियों का श्रेय माता-पिता को दें और उन्हें सदैव सम्मान दें। समारोह में राज्यपाल ने उत्कृष्ट शिक्षकों को श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान, स्टूडेंट स्टार्टअप अवार्ड और विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी छात्रों को पुरस्कृत किया।

–आईएएनएस

विकेटी/एसके


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