भविष्य में महीने में एक बार इंजेक्‍शन लेने से दूर हो सकता है मोटापा : रिपोर्ट


नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। मोटापे की मौजूदा दवा में हफ्ते में एक बार त्वचा के नीचे इंजेक्शन की जरूरत होती हैं। यह दवा ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड 1 रिसेप्टर (जीएलपी-1आर) को सक्रिय करती हैं। लेकिन अब नई दवाएं आ रही हैं, जो महीने में सिर्फ एक बार इंजेक्शन से काम करेंगी। एक रिपोर्ट के अनुसार, ये मोटापे के इलाज के लिए अगली पीढ़ी की दवाएं बन सकती हैं।

डेटा और एनालिटिक्स कंपनी ग्लोबलडाटा की रिपोर्ट से पता चला है कि मोटापा-रोकने वाली दवाएं एक ऐसा इंडस्ट्री ट्रेंड है जिसका अगले 12 महीनों में सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा।

वैश्विक स्तर पर मोटापे की बढ़ती दरें मोटापे के बाजार में निवेश की लहर पैदा कर रही हैं, जिससे संभवतः मोटापे की अगली पीढ़ी की दवाओं का विकास हो रहा है। इसके तहत, नई दवाओं पर काम किया जा रहा है, जो मोटापे के इलाज के लिए नए तरीकों को खोजने, इंजेक्शन की जगह खाने वाली दवाएं बनाने और मरीजों पर बोझ कम करने के लिए दवाओं की खुराक की बारंबारता घटाने पर ध्यान दे रही हैं।

हालांकि नोवो नॉर्डिस्क और एली लिली के वर्तमान में उपलब्ध साप्ताहिक इंजेक्शन ने बहुत लोकप्रियता हासिल की है, लेकिन ये कभी-कभी रोगी के लिए बोझ बन सकते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, एमजेन और मेटसेरा दो ऐसी कंपनियां हैं जो मोटापे की दवा को महीने में एक बार लेने के विकल्प को आगे बढ़ा रही हैं।

ग्लोबलडाटा में फार्मा विश्लेषक कोस्टान्ज़ा अल्सियाटी ने कहा, हालांकि, “इन अल्ट्रा लॉन्ग एक्टिंग उम्मीदवारों की सफलता के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे वर्तमान में उपलब्ध एक बार-साप्ताहिक उपचारों के बराबर प्रभाव दिखाएं।”

एमजेन की मैरीटाइड (मैरीडेबर्ड कैफ्राडुटाइड) महीने में एक बार ली जाने वाली प्रभावकारी दवा थी। इस दवा के कारण 52 सप्ताह में रोगियों में औसतन 17 प्रतिशत वजन कम हुआ। रोगियों में वजन कम होने की कोई सीमा नहीं थी और उनमें से 99 प्रतिशत ने अपने शरीर के वजन का 5 प्रतिशत से अधिक वजन कम किया।

वहीं मेटसेरा ने अपनी मेट-097आई के लिए परिणामों की घोषणा की। इसे शुरुआत में एक बार सप्ताह में ली जाने वाली डोज के रूप में तैयार किया गया था। लेकिन इसकी लंबी असरदार अवधि के कारण इसे महीने में एक बार लेने के विकल्प के रूप में भी देखा जा रहा है।

अल्सियाती ने कहा, “परीक्षण का समय छोटा था और मरीजों की संख्या भी कम थी। इसके बावजूद, इसने केवल 12 हफ्तों में औसतन 11.3% वजन घटाने का परिणाम दिखाया। इतने कम समय में यह वजन घटाने का परिणाम वाकई काबिले-तारीफ है। अब हम देखेंगे कि क्या बड़े परीक्षणों और ज्यादा मरीजों के साथ इन नतीजों को बरकरार रखा जा सकता है।”

कुल मिलाकर मोटापे की दवा के विकास के क्षेत्र में यह एक रोमांचक समय है।

ग्लोबलडाटा का अनुमान है कि जीएलपी-1आर एगोनिस्ट 2033 तक सात प्रमुख बाजारों (अर्थात् अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, यूके और जापान) में 125.3 बिलियन डॉलर की बिक्री तक पहुंच जाएंगे, और 90 प्रतिशत बिक्री मोटापे की दवा से होगी।

–आईएएनएस

एमकेएस/एएस


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