छत्तीसगढ़ : दुर्ग में किसानों के खातों से 78 लाख की हेराफेरी, दो गिरफ्तार


दुर्ग, 18 मई (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की भिलाई-3 शाखा में किसानों के खातों से 78 लाख 74 हजार 263 रुपए की हेराफेरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह घोटाला तब उजागर हुआ, जब शाखा प्रबंधक सुरेंद्र भुवाल ने बैंक मुख्यालय में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक आरोपी को जमानत मिल चुकी है। मामले की गहन जांच जारी है।

जांच में पता चला है कि सोमनी, गनियारी, चरोदा और उमदा गांवों के किसानों के खातों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं की गई हैं। तत्कालीन सहकारी समिति प्रभारी गजानंद शिर्के ने 29 मई 2020 से 3 मार्च 2021 के बीच 35 लाख 53 हजार 870 रुपए की वित्तीय हेराफेरी की। इसके बाद समिति प्रबंधक नीति दीवान ने 1 जून 2022 से 5 अक्टूबर 2023 तक 40 लाख 16 हजार 775 रुपए की गड़बड़ी की। सहायक लिपिक गोपाल वर्मा ने भी पांच किसानों के खातों से तीन लाख तीन हजार 618 रुपए का गबन किया। आरोपियों ने नकद आहरण, खाद, बीज और धान खरीदी के नाम पर खातों में हेराफेरी की।

भिलाई-3 थाने में शिकायत के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। पुलिस प्रवक्ता पद्मश्री तंवर ने बताया कि यह मामला किसानों की मेहनत की कमाई से जुड़ा है और इसमें भारी वित्तीय अनियमितता सामने आई है। पुलिस ने सहकारी समिति के सहायक प्रबंधक गजानंद शिर्के और सहायक लिपिक गोपाल वर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। तीसरी आरोपी नीति दीवान को अदालत से जमानत प्राप्त हो चुकी है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह घोटाला सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। आरोपियों ने किसानों के खातों से धन निकासी और फर्जी लेनदेन के जरिए राशि का गबन किया। जांच में बैंक के अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता की भी आशंका जताई जा रही है। पुलिस अब बैंक के रिकॉर्ड, लेनदेन और अन्य दस्तावेजों की गहन पड़ताल कर रही है, ताकि घोटाले के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।

स्थानीय किसानों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। इस घोटाले ने सहकारी बैंकिंग व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई किसानों ने बैंक प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच को पारदर्शी और त्वरित करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही मामले में और खुलासे हो सकते हैं।

–आईएएनएस

एकेएस/एकेजे


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