जिनेवा/नई दिल्ली, 1 अगस्त (आईएएनएस)। ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को स्तनपान के लिए प्रेरित कर स्तनपान दरों में सुधार लाया जाए तो हर साल 8,20,000 हजार से अधिक बच्चों की जान बचाई जा सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनिसेफ ने ताजा आंकड़ों का हवाला देते हुए यह बात कही है।
विश्व स्तनपान सप्ताह के मौके पर जारी एक बयान में संयुक्त राष्ट्र के दोनों शीर्ष संगठनों ने कहा कि जब माताओं को अपने बच्चों को स्तनपान कराने के लिए आवश्यक सहायता दी जाती है तो इसका सीधा असर स्तनपान दरों पर पड़ता है। नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, स्तनपान दरों में सुधार से हर साल 8,20, 000 से अधिक बच्चों की जान बचाई जा सकती है।
अच्छी खबर यह है कि पिछले 12 साल में दुनिया भर में छह महीने तक केवल मां का दूध पीने वाले शिशुओं की संख्या को केवल स्तनपान करने वाले छह महीने से कम उम्र के शिशुओं की संख्या 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है।
इसका मतलब है यह है कि दुनिया भर में 48 प्रतिशत शिशु जन्म के बाद पहले छह महीने तक मां का दूध पी रहे हैं जिससे जीवन में कई तरह की स्वस्थ शुरुआत का लाभ उन्हें मिल रहा है। स्तनपान से लाखों शिशुओं की जान बच रही है।
बयान में कहा गया है, “हमारा लक्ष्य 2025 तक स्तनपान को कम से कम 50 प्रतिशत के आंकड़े तक पहुंचाने का है। हालांकि इस महत्वपूर्ण छलांग में कई चुनौतियां हैं जिनका समाधान आवश्यक है।”
डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ ने कहा, “बच्चे की शुरुआती वृद्धि और विकास के लिए स्तनपान बेहद जरूरी है। मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडी शिशुओं को जीवन में होने वाली हर तरह की बीमारियों से बचाता है। यह छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित पौष्टिक और सुलभ भोजन स्रोत की गारंटी देता है। इससे बचपन में होने वाली बीमारियों और कुछ प्रकार के कैंसर तथा गैर-संचारी रोगों के जोखिमों से भी बचा जा सकता है।”
इस विश्व स्तनपान सप्ताह में ‘अंतर को पाटना : सभी के लिए स्तनपान सहायता’ थीम के तहत यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ ने माताओं तथा शिशुओं के जीवित रहने तथा फलने-फूलने के अधिकारों की रक्षा के लिए स्तनपान सहायता में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।
बयान में बताया गया है कि अनुमानतः दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी यानी 4.5 अरब लोगों को जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। इसलिए कई महिलाओं को अपने बच्चों को बेहतर तरीके से स्तनपान कराने के लिए जरूरी सहायता नहीं मिल पाती है। इसमें महिला को स्तनपान के दौरान उचित शिक्षा के साथ उनके लिए स्वास्थ्य सलाह और परामर्श भी बेहद जरूरी है।
विश्वसनीय डेटा संग्रह स्वास्थ्य सेवा असमानताओं से निपटने और माताओं तथा परिवारों को समय पर प्रभावी स्तनपान सहायता प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है।
वर्तमान में केवल आधे देश ही स्तनपान दरों पर डेटा एकत्र करते हैं।
जब स्तनपान का समर्थन किया जाता है तो महिलाओं द्वारा अपने शिशुओं को स्तनपान कराने की संभावना दोगुने से अधिक होती है। यह एक साझा जिम्मेदारी है। परिवार, समुदाय, स्वास्थ्य सेवा कर्मी, नीति निर्माता और अन्य निर्णयकर्ता सभी इसमें केंद्रीय भूमिका निभाते हैं।
–आईएएनएस
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