युद्ध का फैसला अमेरिका करेगा, तो हमारी संप्रभुता कहां रही : अबू आजमी

मुंबई, 13 मई (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने मंगलवार को केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति, देश में आतंकी घटनाओं और देश की आंतरिक स्थिति को लेकर अपनी राय रखी। उन्होंने हालिया आतंकी हमलों के संदर्भ में सरकार की मौन नीति और पाकिस्तान से रिश्तों को लेकर गहरा असंतोष जताया।
अबू आजमी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पहले एक बड़ी घटना हुई थी जिसमें हमारे 40 जवान शहीद हुए थे, फिर भी बातचीत नहीं हुई। इतना बड़ा नुकसान हुआ और हमारे रिश्ते पाकिस्तान से सामान्य बने रहे। प्रधानमंत्री मोदी खुद बिना बुलाए पाकिस्तान चले गए। अब फिर एक गंभीर आतंकी घटना हो गई है। अगर बातचीत करनी थी, तो पहले क्यों नहीं बातचीत शुरू की गई?
ऑपरेशन सिंदुर में अमेरिकी हस्तक्षेप पर उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका तय करेगा कि भारत को कब युद्ध करना है, कब बातचीत, तो हमारी संप्रभुता कहां रही? राम मनोहर लोहिया कहते थे कि भारत, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका सब मिलकर एक महासंघ बनाएं, ताकि अमेरिका जैसी ताकतें हमारी नीति पर असर न डाल सके।
केंद्र की विदेश नीति पर जुबानी हमला करते हुए आजमी ने कहा कि इंदिरा गांधी के दौर में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे, क्योंकि तब की नीति मजबूत थी। आज हालात अलग हैं, आज अमेरिका दबाव बना रहा है। क्या यह स्वतंत्र भारत है?
अबू आजमी ने आगे कहा कि देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ माहौल बनता जा रहा है। हर दिन मुस्लिमों को धर्म के नाम पर टारगेट किया जा रहा है। कोई धमकी देता है कि जय सियाराम नहीं बोला तो पाकिस्तान भेज दूंगा। ऐसे वीडियो खुलेआम बन रहे हैं। अगर किसी मुस्लिम मोहल्ले में लोग अपनी छत पर नमाज पढ़ें तो उन पर केस दर्ज किया जा रहा है, पासपोर्ट और लाइसेंस रद्द किए जा रहे हैं। जब सरकार खुद ऐसा कर रही है तो फिर लोगों को खुली छूट मिल रही है।
आज़मी ने कहा कि देश की जमीन चीन के कब्जे में है, लेकिन सरकार चुप है। महंगाई चरम पर है, बेरोजगारी हर घर में पहुंच चुकी है। लेकिन, चर्चा सिर्फ ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ और ‘एयरबेस दौरे’ की हो रही है। देश की संपत्ति बेची जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि अगर देश में एक ही तरह के लोग हर वक्त टारगेट पर होंगे, अगर देश की नीतियां अमेरिका तय करेगा, अगर आतंकी घटनाओं के बाद भी सिर्फ चुप्पी होगी, तो जनता सवाल पूछेगी। आज विपक्ष की यही मांग है कि सरकार स्पष्ट रणनीति बनाए, और विदेश नीति को मजबूती से लागू करे, न कि दबाव में झुके।
–आईएएनएस
पीएसके/जीकेटी