आईसीसी, बीसीसीआई, ईसीबी और सीए मिलकर अफगान महिला क्रिकेटरों की सहायता के लिए योजना का वित्तपोषण करेंगे: रिपोर्ट


मुंबई, 16 अप्रैल (आईएएनएस)। बुधवार को एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि अफगानिस्तान से निर्वासित महिला क्रिकेटरों की सहायता के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की योजना को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई), इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के योगदान से वित्तपोषित किया जाएगा।

अफगानिस्तान की विस्थापित महिला क्रिकेटरों की सहायता के लिए पहल, जिसमें कोचिंग और मेंटरशिप शामिल होगी, “एक समर्पित कोष के माध्यम से गठित की जाएगी,” और इसे आईसीसी और तीनों बोर्ड द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित किया जाएगा।

आईसीसी के प्रवक्ता ने ईएसपीएन क्रिकइंफो को पुष्टि की कि इस कोष में अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड का कोई योगदान शामिल नहीं होगा। एसीबी को आईसीसी से अपनी पूरी राशि मिलती रहेगी।

आईसीसी ने हाल ही में घोषणा की है कि वह अफगानिस्तान से निर्वासित महिला क्रिकेटरों की सहायता के लिए एक योजना लागू करेगा, क्योंकि तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया है और खेलों में महिलाओं की भागीदारी पर प्रतिबंध लगा दिया है और टीमों को भंग कर दिया है।

रिपोर्ट में दावा किया गया, “पिछले साल, आईसीसी के राजस्व वितरण के एसीबी के हिस्से से महिला क्रिकेट के लिए एक राशि को अलग करने की संभावना पर चर्चा की गई थी, लेकिन वह योजना सफल नहीं हुई। एसीबी एकमात्र पूर्ण सदस्य बोर्ड है जो महिला टीम नहीं उतारता है, और 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद महिलाओं के अधिकारों पर गंभीर प्रतिबंधों के कारण ऐसा करने में सक्षम नहीं है।”

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अफगानिस्तान की महिला क्रिकेटरों के साथ जुड़ने की आईसीसी की नवीनतम योजना न तो आधिकारिक मान्यता के बराबर है और न ही यह अफगानिस्तान के लिए महिला टीम उतारने का रास्ता साफ करती है, क्योंकि ऐसी टीम को केवल एसीबी द्वारा ही अनुमोदित किया जा सकता है। इसके बजाय, आईसीसी अफगानिस्तान की महिला क्रिकेटरों के साथ काम करने की उम्मीद करता है ताकि उन्हें खेल तक पहुंच और आगे की शिक्षा के लिए धन दोनों प्रदान किया जा सके।

रिपोर्ट में यह भी पुष्टि की गई है कि आईसीसी की पहल ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले 19 अफगान क्रिकेटरों तक सीमित नहीं होगी, बल्कि “योजना सभी विस्थापित अफगान महिला क्रिकेटरों को शामिल करने की है, चाहे वे कहीं भी हों।” आईसीसी ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस फंड से कोचिंग और मेंटरशिप मिलने के बाद निर्वासन में रहने वाली अफगानिस्तान की महिला क्रिकेटर क्या करेंगी।

–आईएएनएस

आरआर/


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