मैं भारत-पाकिस्तान मैच नहीं देखूंगा : मनोज तिवारी

कोलकाता, 14 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज मनोज तिवारी ने कहा है कि वह दुबई में होने जा रहे भारत-पाकिस्तान मैच का बहिष्कार करते हैं। ऐसा पहली बार होगा जब वे भारत-पाकिस्तान मैच नहीं देखेंगे।
आईएएनएस से बात करते हुए मनोज तिवारी ने कहा, “भारत-पाकिस्तान मैच में, मैं किसी भी टीम का समर्थन नहीं करना चाहता हूं। मैं उन जवानों के परिवार का समर्थन करना चाहता हूं, जिन्होंने देश के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया। आतंकी घटना में जिन निर्दोष लोगों की जान चली गई, उनका समर्थन करना चाहता हूं। यह पहला मौका है, जब मैं क्रिकेट को सपोर्ट नहीं कर रहा हूं। मैं एशिया कप का बहिष्कार कर रहा हूं।”
उन्होंने कहा, “मैं भारत-पाकिस्तान मैच नहीं देखूंगा। सुबह से अपने क्रिकेट अकादमी में हूं और शाम को अपने परिवार के साथ समय बिताऊंगा। अगर भारतीय टीम ये मैच नहीं खेलती, तो कोई नुकसान नहीं होता। इससे उन परिवारों को अच्छा संदेश जाता, जिन्होंने अपने परिजनों को आतंकी घटने में खोया। पुलवामा, पठानकोट, पहलगाम में आतंकी घटना हुई। सभी को पता है कि आतंकी कहां से आते हैं, इसके बावजूद मैच होना, दुर्भाग्यपूर्ण है।”
उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और क्रिकेटर रहे मोहसिन रजा ने भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर हो रहे विरोध पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, विपक्ष की शुरुआत से आदत रही है विरोध करने की। विपक्ष को उस समय बोलना चाहिए था, जब हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा गया था और हमारी सेना ने शौर्य का परिचय देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकाने नष्ट किए थे।
रजा ने कहा कि हर हिंदुस्तानी पाकिस्तान को दुश्मन मानता है। हम उनके साथ कोई कारोबार नहीं करेंगे, वन टू वन कोई सीरीज नहीं खेलेंगे। पाकिस्तान के साथ मैच हमें अंतर्राष्ट्रीय नियमों की बाध्यता की वजह से खेलना पड़ रहा है। हम मैच के दौरान पाकिस्तान पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तरह ही कार्रवाई करेंगे।
चंडीगढ़ स्थित मोर्फ अकादमी के संस्थापक अजय शर्मा ने भारत-पाकिस्तान मैच पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, आदर्श स्थिति तब होती, जब यह मैच नहीं होता। लेकिन, यदि किसी कारणवश मुकाबला हो रहा है, तो उनकी प्रार्थना होगी कि पाकिस्तान को मैदान में भी वैसी ही हार मिले जैसी सरहद पर मिलती है।
उन्होंने कहा, “भारत-पाकिस्तान की प्रतिद्वंद्विता हमेशा तीव्र रही है और यदि मैच खेला जाता है, तो जीत भारत की ही होनी चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि खेल में शांति और स्पोर्ट्समैनशिप की भावना बनाए रखना आवश्यक है।”
–आईएएनएस
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