'राइटिंग के आगे मैं हमेशा डायरेक्शन को ही चुनूंगा', मिलाप जावेरी ने खोले दिल के राज

 
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। बॉलीवुड में कई ऐसे निर्माता और लेखक हैं जो अपनी फिल्मों के जरिए दर्शकों के दिलों में जगह बनाते हैं, और मिलाप जवेरी उनमें से एक हैं। मिलाप ने अपने करियर की शुरुआत 2002 में डायलॉग राइटर के रूप में की थी, लेकिन समय के साथ उन्होंने अपनी प्रतिभा को डायरेक्शन के क्षेत्र में अजमाया। उनका मानना है कि डायरेक्टर होने पर उन्हें सिर्फ कहानी लिखने तक ही सीमित नहीं रहना पड़ता, बल्कि पूरी फिल्म बनाने का मौका मिलता है।
हाल ही में मिलाप जावेरी की नई फिल्म ‘एक दीवाने की दीवानियत’ रिलीज हुई, जिसे दर्शकों का खूब प्यार मिल रहा है। इस फिल्म की सफलता ने मिलाप के करियर को नई ऊर्जा दी है। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, ”डायरेक्टर के रूप में काम करना मेरे लिए सबकुछ करने का एक अवसर होता है, जैसे कहानी लिखना, निर्देशन करना और फिल्म की हर छोटी-बड़ी चीज में शामिल होना। यही कारण है कि अगर मुझे दो विकल्पों में से चुनना हो तो मैं हमेशा डायरेक्शन को ही चुनूंगा।”
मिलाप ने पिछले चार सालों के अपने करियर के उतार-चढ़ाव को भी आईएएनएस संग साझा किया है। उन्होंने कहा कि यह समय उनके लिए नया सीखने और भविष्य को बेहतर बनाने की तैयारी का समय है। अब उनके पास कई फिल्में हैं, जिनमें ‘मस्ती 4’, ‘तेरा यार हूं मैं’, और ‘डोंगरी’ शामिल हैं। इन फिल्मों में वह लेखक के रूप में काम करेंगे, और ‘डोंगरी’ में वह कहानी, स्क्रीनप्ले और डायलॉग लिखने के साथ पूरी रचनात्मक जिम्मेदारी संभालेंगे।
उन्होंने आगे कहा, ”मैं अभिनेता अंशुल के साथ भी कुछ नई परियोजनाओं पर काम कर रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि आने वाली फिल्में दर्शकों से ‘एक दीवाने की दीवानियत’ जैसी प्रतिक्रिया प्राप्त करेंगी और तारीफें बटोरेंगी।”
बता दें कि मिलाप जवेरी ने बॉलीवुड में कई बड़ी फिल्मों में काम किया है। उन्होंने ‘शूटआउट एट वडाला’, ‘सत्यमेव जयते’ और ‘मरजावां’ जैसी शानदार फिल्मों में योगदान दिया है। उनके डायरेक्शन की शुरुआत 2010 में फिल्म ‘जाने कहां से आई है’ से हुई थी। इसके बाद वह लगातार कहानी और निर्देशन दोनों में हाथ आजमाते रहे। 21 अक्टूबर को रिलीज हुई फिल्म ‘एक दीवाने की दीवानियत’ रोमांस और ड्रामा का मिश्रण है। इसमें मुख्य भूमिका में हर्षवर्धन राणे और सोनम बाजवा हैं।
–आईएएनएस
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