मैं भारत का हर मैच खेलना चाहता हूं: वरुण चक्रवर्ती


मुंबई, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। रहस्यमयी स्पिनर के रूप में अपनी पहचान रखने वाले वरुण चक्रवर्ती ने एशिया कप 2025 में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में काफी देर से डेब्यू करने वाले चक्रवर्ती भारत के लिए जल्द ही तीनों फॉर्मेट में खेलते हुए दिख सकते हैं।

एशिया कप फाइनल में वरुण चक्रवर्ती ने 30 रन देकर 2 विकेट लिए थे। उन्होंने साहिबजादा फरहान और फखर जमान के दो बेहद अहम विकेट लेकर पाकिस्तान को 146 पर समेटने में अहम भूमिका निभाई थी।

एशिया कप जीतने के बाद भारतीय टीम ने मोहसिन नकवी से खिताब लेने से इनकार कर दिया था और बिना ट्रॉफी के ही जश्न मनाया था। चक्रवर्ती ने सोशल मीडिया पर मैच के अगले दिन एक तस्वीर शेयर की थी। तस्वीर में वह ट्रॉफी की जगह एक चाय का कप पकड़े हुए दिखे थे। कैप्शन में उन्होंने लिखा, “अक्खा दुनिया एक तरफ, और मेरा इंडिया एक तरफ, जय हिंद।” चक्रवर्ती की यह पोस्ट तेजी से वायरल हुई थी। प्रशंसकों ने उनके कप को इस पल का प्रतीक बना दिया।

चक्रवर्ती मंगलवार को मुंबई में सीईएटी क्रिकेट रेटिंग अवार्ड्स में हिस्सा लेने आए थे। इस मौके पर उन्होंने कहा, “मैं भारत द्वारा खेले जाने वाले हर मैच में खेलना चाहूंगा, लेकिन यह चयनकर्ताओं पर निर्भर करता है।”

एशिया कप में अपने प्रदर्शन पर उन्होंने कहा, “अगर आप दुबई की पिचों को देखें, तो वे मेरे लिए काफी कारगर रही हैं। पिच थोड़ी धीमी है, इसलिए इससे मुझे ज्यादा मदद मिलती है। मेरा काम बस स्टंप्स पर लगातार आक्रमण करना और बल्लेबाजों को छक्का मारने के लिए चुनौती देना था, आक्रामक रुख अपनाना ताकि मैं विकेट ले सकूं, यही मेरी मूल योजना थी।”

कुलदीप यादव के बारे में उन्होंने कहा, “कुलदीप निश्चित रूप से हमारे मौजूदा अनुभवी गेंदबाजों में से एक हैं। उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया है। हम एक-दूसरे के पूरक हैं। मैं 95 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करता हूं और वह लगभग 85 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं, इसलिए हम एक-दूसरे के पूरक हैं। उनके पास ज्यादा रेव्स और टर्न है, मेरे पास गति और उछाल है। इसलिए अब तक यह हमारे लिए अच्छा काम कर रहा है।”

गौतम गंभीर के बारे में वरुण ने कहा, “मैं उनके साथ आईपीएल में काम कर चुका हूं और हमने वह आईपीएल जीता भी था, इसलिए मेरे लिए यह कोई नई बात नहीं है क्योंकि मैं पहले से ही उनके साथ रहा हूं। लेकिन एक बात जो मैं उनके बारे में कह सकता हूं, वह यह है कि वह टीम में एक संयमी मानसिकता लेकर आते हैं, जहां हारने का कोई विकल्प नहीं होता, आपको बस अपना सर्वश्रेष्ठ देना होता है और मैदान पर अपना सब कुछ झोंक देना होता है और बाद में, जो भी होता है, होता है।”

–आईएएनएस

पीएके


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