'किसी राजनीतिक दल से मेरा संबंध नहीं', इंडिया ब्लॉक के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए इंडिया ब्लॉक की ओर से उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि वह किसी भी राजनीतिक पार्टी से संबंध नहीं रखते हैं और न ही किसी पार्टी के मेंबर हैं।
बी. सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि इंडिया ब्लॉक गठबंधन ने विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया है क्योंकि वे ऐसा उम्मीदवार चाहते थे जिसका कोई राजनीतिक बैकग्राउंड न हो। मैं किसी भी राजनीतिक पार्टी से संबंध नहीं रखता हूं, शायद इसलिए मेरा नाम इंडिया ब्लॉक ने आगे किया।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सुदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की, जहां उन्होंने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को चुनावी मुकाबले के बजाय एक वैचारिक लड़ाई बताया।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ने बुधवार को आईएएनएस से बात करते हुए विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में अपने चयन पर अपने विचार साझा किए।
उन्होंने कहा, “मैं न तो किसी राजनीतिक दल से संबंध रखता हूं और न ही किसी पार्टी का सदस्य हूं। मैं एक उदार व्यक्ति हूं जो संविधान और लोकतंत्र के प्रति पूरी निष्ठा रखता है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में मैंने जो काम किया है, उसी को आगे बढ़ाना चाहूंगा।”
विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। उनके नामांकन दाखिल करने के दौरान कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), तृणमूल कांग्रेस और अन्य सहित इंडिया ब्लॉक दलों द्वारा शक्ति और एकता का प्रदर्शन देखने को मिल सकता है। हालांकि, विपक्ष के पास संख्या नहीं है, लेकिन चुनाव के बहाने वे एनडीए उम्मीदवार को कड़ी चुनौती देना चाहेंगे।
इस बीच, एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने बुधवार को नामांकन पत्र दाखिल किया और उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत एनडीए के शीर्ष मंत्री भी मौजूद थे।
उपराष्ट्रपति पद के लिए दोनों उम्मीदवार भारत के दक्षिण राज्यों से आते हैं। एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं, जबकि बी. सुदर्शन आंध्र प्रदेश से हैं।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रेड्डी को उनके 2011 के ऐतिहासिक फैसले के लिए सबसे ज़्यादा याद किया जाता है, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ के सलवा जुडूम को असंवैधानिक घोषित किया था, जिसके परिणामस्वरूप माओवादियों के खिलाफ लड़ाई में इस संगठन को भंग कर दिया गया था।
–आईएएनएस
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