नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। आईपीएल 2025 मेगा ऑक्शन से पहले सभी 10 फ्रेंचाइजी को अपने रिटेन और रिलीज प्लेयर्स की लिस्ट सौंपनी होगी। इसकी आखिरी तारीख 31 अक्टूबर है। इस बार नियमों में कुछ बदलाव हुए हैं और टीमों के पास ‘राइट टू मैच’ का ऑप्शन भी होगा। मगर यहां कुछ फैंस के मन में यह सवाल जरूर होगा कि आखिर यह नियम क्या है और कैसे काम करेगा।
सबसे पहला नियम है एक फ्रेंचाइजी अधिकतम छह खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती है, या तो रिटेंशन चरण में या मेगा नीलामी के दौरान राइट-टू-मैच कार्ड के माध्यम से। इनमें से अधिकतम पांच खिलाड़ी कैप्ड हो सकते हैं जबकि अधिकतम दो खिलाड़ी अनकैप्ड हो सकते हैं।
राइट टू मैच नियम पहली बार 2017 में लागू किया गया था, लेकिन इसे 2022 के मेगा ऑक्शन में हटा दिया गया था। अब इसे फिर से लागू किया गया है। यह नियम फ्रेंचाइजी को उस खिलाड़ी को वापस खरीदने का मौका देता है, जो पिछले सीजन में उस टीम का हिस्सा था।
रिलीज होने के बाद जब कोई खिलाड़ी नीलामी में जाता है, तो कई टीमें उस पर बोली लगाती हैं। बोली लगने के बाद रिलीज करने वाली टीम से पूछा जाता है कि क्या वो इस खिलाड़ी के लिए आरटीएम का इस्तेमाल करना चाहती हैं?
यानी पिछले सीजन में किसी टीम का खिलाड़ी अब नीलामी में फिर से बिक रहा है, तो उस टीम को “आरटीएम कार्ड” मिलता है। इसका मतलब है कि वो खिलाड़ी को वापस खरीद सकती है। ऐसे में पुरानी टीम आरटीएम का इस्तेमाल करती है तो उसे उस प्लेयर पर नीलामी में लगाई गई आखिरी बोली के जितने पैसे देने पड़ते हैं। वहीं अगर पुरानी टीम आरटीएम का उपयोग नहीं करती तो आखिरी बोली लगाने वाली टीम उस खिलाड़ी को खरीद लेती है।
यह नियम आईपीएल 2025 को लेकर सबसे ज्यादा सुर्खियों में है और ऑक्शन का रोमांच भी बढ़ा रहा है। इनके अलावा कुछ अन्य महत्वपूर्ण नियम- अब हर टीम के पास 120 करोड़ रुपये का बजट होगा, जिसके लिए उन्हें अपने खिलाड़ियों पर बोली लगानी होगी। जिन खिलाड़ियों ने 5 साल से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला होगा या संन्यास ले चुके होंगे, उन्हें अनकैप्ड खिलाड़ियों में गिना जाएगा। रिटेन किए गए खिलाड़ियों की सूची 31 अक्टूबर 2024 से पहले जमा करनी होगी।
–आईएएनएस
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